(Translated by https://www.hiragana.jp/)
विकिस्रोत सामग्री पर जाएँ

विकिस्रोत:मुखपृष्ठ

विकिस्रोत से
हिन्दी विकिस्रोत पर आपका स्वागत है।
एक मुक्त पुस्तकालय जिसका आप प्रसार कर सकते हैं।
हिंदी में कुल ५,७९२ पाठ हैं।

जुलाई की निर्वाचित पुस्तक
निर्वाचित पुस्तक

सप्ताह की पुस्तक
सप्ताह की पुस्तक

Download this featured text as an EPUB file. Download this featured text as a RTF file. Download this featured text as a PDF. Download this featured text as a MOBI file. Grab a download!

एक घूँट जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित एकांकी है। इसका प्रकाशन १९४८ ई॰ में बनारस के सरस्वती-प्रेस द्वारा किया गया।

"(अरुणाचल—आश्रम का एक सघन कुञ्ज। श्रीफल, वट, आम, कदम्ब और मौलश्री के बड़े-बड़े वृक्षों की झुरमुट में प्रभात की धूप घुसने की चेष्टा कर रही है। उधर समीर के झोंके, पत्तियों और डालों को हिला-हिलाकर, जैसे किरणों के निर्विरोध प्रवेश में बाधा डाल रहे हैं। वसन्त के फूलों की भीनी-भीनी सुगन्ध, उस हरी-भरी छाया में कलोल कर रही है। वृक्षों के अन्तराल से गुञ्जारपूर्ण नभखण्ड की नीलिमा में जैसे पक्षियों का कलरव साकार दिखाई देता है!
मौलश्री के नीचे वेदी पर वनलता बैठी हुई, अपनी साड़ी के अंचल की बेल देख रही है। आश्रम में ही कहीं होते हुए संगीत को कभी सुन लेती है, कभी अनसुनी कर जाती है।)

(नेपथ्य में गान)
खोल तू अब भी आँखें खोल!
जीवन-उदधि हिलोरें लेता उठतीं लहरें लोल।
छबि की किरनों से खिल जा तू,
अमृत-झड़ी सुख से झिल जा तू।..."

(पूरा पढ़ें)


पिछले सप्ताह की पुस्तक देखें, अगले सप्ताह की पुस्तक देखें, सभी सप्ताह की पुस्तकें देखें और सुझाएं

पूर्ण पुस्तक
पूर्ण पुस्तकें

Download this featured text as an EPUB file. Download this featured text as a RTF file. Download this featured text as a PDF. Download this featured text as a MOBI file. Grab a download!

हड़ताल जॉन गाल्सवर्दी के "Strife" नामक तीन अंकों के नाटक का हिन्दी अनुवाद है। इसका प्रकाशन "हिन्दुस्तानी एकेडेमी, संयुक्त प्रांत", (प्रयाग) द्वारा १९३० ई॰ में किया गया।

"दोपहर का समय है, अन्डरवुड के भोजनालय में तेज़ आग जल रही है। आतिशदान के एक तरफ़ दुहरे दरवाज़े हैं, जो बैठक में जाते हैं। दूसरी तरफ़ एक दरवाज़ा है, जो बड़े कमरे में जाता है। कमरे के बीच में, एक लम्बी खाने की मेज़ है। उस पर कोई मेज़पोश नहीं है। वह लिखने की मेज़ बना ली गई है। उसके सिरे पर सभापति के स्थान पर जॉन ऐंथ्वनी बैठा हुआ वह एक बुड्ढा, बड़े डीलडौल का आदमी है। दाढ़ी मूँछ मुड़ी हुई, रंग लाल, घने सफ़ेद बाल और घनी काली भौंहें। चालढाल से वह सुस्त और कमज़ोर मालूम होता है, लेकिन उसकी आँखें बहुत तेज़ हैं। उसके पास पानी का एक गिलास रक्खा हुआ है। उसकी दाहिनी तरफ़ उसका बेटा एडगार बैठा अखबार पढ़ रहा है। उसकी उम्र ३० साल की होगी। सूरत से उत्साही मालूम होता है।" ...(पूरा पढ़ें)


सभी पूर्ण पुस्तकों की सूची देखें। पूर्णपुस्तक संबंधी नियम देखें और सुझाएं।

सहकार्य

इस माह शोधित करने के लिए चुनी गई पुस्तक:
  1. Kabir Granthavali.pdf ‎[९२१ पृष्ठ]
  2. जायसी ग्रंथावली.djvu ‎[४९८ पृष्ठ]
सहकार्य संबंधी नियम देखें तथा पुस्तकें सुझाएं

रचनाकार
रचनाकार

भारतीय डाक टिकट पर प्रेमचंद प्रेमचंद (31 जुलाई 1880 — 8 अक्टूबर 1936) हिंदी और उर्दू के अत्यंत लोकप्रिय कथाकार एवं विचारक थे। विकिस्रोत पर उपलब्ध उनकी रचनाएँ:

  1. सेवासदन (1918), हिंदी में प्रकाशित पहला उपन्यास।
  2. प्रेमाश्रम (1922), किसान आंदोलन की महागाथा
  3. रंगभूमि (1931), मंगला प्रसाद पारितोषिक से सम्मानित
  4. गबन (1931), साधारण स्त्री जालपा के अद्वितीय बनने की गाथा
  5. कर्मभूमि (1932), किसानों की लगान समस्या पर केंद्रित उपन्यास
  6. गोदान (1936), औपनिवेशिक चक्की में पिसते किसान जीवन की महागाथा
  7. पाँच फूल (1929), पाँच कहानियों का संग्रह
  8. नव-निधि (1948), नौ कहानियों का संग्रह
  9. प्रेमचंद की सर्वश्रेष्ठ कहानियाँ (1950), कहानी संग्रह
  10. मानसरोवर १ तथा मानसरोवर २- कहानी संग्रह
  11. कुछ विचार — निबंध और व्याख्यान संग्रह।

आज का पाठ

Download this featured text as an EPUB file. Download this featured text as a RTF file. Download this featured text as a PDF. Download this featured text as a MOBI file. Grab a download!

हिन्दी साहित्य का माध्यमिककाल/रहीम अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध' द्वारा रचित पुस्तक हिंदी भाषा और उसके साहित्य का विकास का एक अंश है। इस पुस्तक का प्रकाशन १९३४ ई॰ में पटना विश्वविद्यालय, पटना द्वारा किया गया था।

"अब मैं अकबर के दरबारी कवियों की चर्चा करूंगा। इनके दरबार में भी उस समय अच्छे-अच्छे सुकवि थे। मंत्रियों में रहीम खान ख़ाना,बीरबल, और टोडरमल भी कविता करते थे। दरबारी कवियों में गंग और नरहरि का नाम बहुत प्रसिद्ध है । रहीम खान खाना मुसल्मान थे। परन्तु हिन्दी भाषा के बड़े सरस हृदय कवि थे। उनकी रचनायें बड़े आदर की दृष्टि से देखी जाती हैं। वे बड़े उदार भी थे और सहृदय कवियों को लाखों दे देते थे। उन्होंने फ़ारसी में भी रचनायें की थी। उनका 'दीवान फ़ारसी'. और'वाकयाते बाबरी' का फ़ारसी अनुवाद बहुत प्रसिद्ध है। हिन्दी में भी उन्होंने कई ग्रन्थों की रचना की है।..."(पूरा पढ़ें)

सभी आज का पाठ देखें, आज का पाठ सुझाएं और नियम देखें

विषय

आंकड़े
आंकड़े

विकिमीडिया संस्थान

विकिस्रोत गैर-लाभकारी संगठन विकिमीडिया संस्थान द्वारा संचालित है जिसकी अन्य मुक्त-सामग्री परियोजनाएँ निम्नवत हैं:
कॉमन्स विकिपुस्तक विकिडेटा विकिसमाचार विकिपीडिया विकिसूक्ति विकिप्रजाति विकिविश्वविद्यालय विकियात्रा विक्षनरी मेटा-विकि
एक ऐसे विश्व की कल्पना करें, जिसमें हर व्यक्ति ज्ञान को बिना किसी शुल्क के किसी से भी साझा कर सकता है। यह हमारा वादा है। इसमें हमें आपकी सहायता चाहिए। आप हमारे परियोजना में योगदान दे सकते हैं या दान भी कर सकते हैं। यह हमारे जालस्थल के रख रखाव आदि के कार्य आता है।