‘सत-साहू’ का गुणा भाग
छत्तीसगढ़ में यदि सतनामी और साहू समाज की एकजुटता की कोशिश सफल होती है तो कांग्रेस और भाजपा के लिए यहां अपनी राजनीतिक जमीन बचाना मुश्किल हो जाएगा. प्रियंका कौशल की रिपोर्ट....मप्र की भाजपा: ‘भैया’ जनता पार्टी
बलात्कार के मामले हों या मातृ मृत्युदर के, मध्य प्रदेश ने इन मानकों पर लगातार सबसे घटिया प्रदर्शन किया है. बावजूद इसके मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चुनावी रणनीति में ‘बहनों’ यानी महिलाओं को केंद्र बिंदु बनाकर आगे बढ़ रहे हैं. शिरीष खरे की रिपोर्ट....' मरने के बाद शर्मिंदा नहीं होना चाहती'
तनु वेड्स मनु हो या पिछले दिनों आई फिल्म रांझणा, स्वरा भास्कर बॉलीवुड में साइड हीरोइन के बजाय एक चरित्र अभिनेत्री वाले चलन में सबसे उम्मीद भरा नाम हैं. फौजिया रियाज की रिपोर्ट. ...‘सीधे खाद्यान्न के बजाय नकदी हस्तातंरण बेहतर है’
खाद्य सुरक्षा विधेयक तभी सार्थक साबित होगा जब हम सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) की खामियों को दूर कर पाएं तथा बढ़ती खाद्य महंगाई पर काबू कर सकें. इस वक्त देश में अनाज का प्रचुर भंडार है और अनुकूल मॉनसून भी, लेकिन इसके चलते हमें बेपरवाह नहीं होना चाहिए क्योंकि आने वाले वर्षों में सूखा भी पड़ सकता है . यह अन्न उत्पादन पर बहुत बुरा असर डालेगा. इन तमाम बातों के अलावा अशोक गुलाटी शैली चोपड़ा को यह भी बता रहे हैं कि कैसे कृषि तथा संबंधित बुनियादी क्षेत्र में बेहतर निवेश खाद्य सुरक्षा के स्थायित्व के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है...‘कोरा मनोरंजन नहीं, आंदोलन है थिएटर’
भारतीय रंगजगत में प्रोबीर गुहा की पहचान ऐसे रंगकर्मी की है जो नाट्यकर्मियों और दर्शकों के बीच के भेद को खत्म करने का प्रयास तो करते ही हैं, साथ ही उन्होंने देश में घुमंतू थिएटर को नई पहचान दी है. अनुपमा की रिपोर्ट....बसपा की माया
भले ही बहुजन समाज पार्टी मध्य प्रदेश में सरकार बनाने से अभी कोसों दूर दिखती हो फिर भी प्रदेश में उसकी उपस्थिति और रणनीति भाजपा और कांग्रेस की बेचैनी बढ़ा रही है. शिरीष खरे की रिपोर्ट....छत्तीसगढ़ में हरियाणा
छत्तीसगढ़ में हजारों एकड़ जमीन खरीदने वाले हरियाणा के किसान आधुनिक तकनीक से खेती के जरिए एक नई मिसाल कायम कर चुके हैं. लेकिन स्थानीय किसान और सरकार इस बदलाव में कुछ खतरनाक संकेत देख रहे हैं. प्रियंका कौशल की रिपोर्ट....-
आगंतुक
छुट्टन रोज की तरह आज भी कारखाने समय से पहुंचा. आते ही काम पर जुट गया. मगर आज काम करने में उसका मन नहीं लग -
फ्लाई ओवर के बरक्स
फ्लाई ओवर बन रहा है. ठेकेदार खुश. सप्लायर खुश. अफसर खुश. मंत्री खुश. शहरवासियों से भी ज्यादा. कभी उस पर जो चलगें, उन राहगीरों से -
समय के छिलते कंधे
लोग समय देखते हैं और मैं समय को देख रहा था. ‘को’ इसलिए क्योंकि समय साक्षात मेरे सामने था. हम साथ-साथ चलने लगे, चलते-चलते बातें
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कॉलेजियम के बदले आयोग
क्या है नए विधेयक का प्रारूपसर्वोच्च न्यायालय तथा उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए अपनाई जाने वाली कॉलेजियम यानी निर्णायक मंडल व्यवस्था के -
गहराता सीरिया संकट
क्या है सीरिया का संकट?सीरिया में हुए कथित रासायनिक हमले की खबरों के बाद अमेरिका और सीरिया आमने-सामने आ गए हैं. ब्रिटेन और फ्रांस के -
वाड्रा-डीएलएफ विवाद से कांग्रेस फिर मुश्किल में
कैसे फिर गरमाया मुद्दा? हरियाणा में गलत तरीके से जमीन की खरीद को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा पर पहले भी सवाल
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चकमा शरणार्थी
जब भारत के उत्तर-पूर्व का सबसे शांत राज्य एक हिंसक संघर्ष की कगार पर पहुंचा. -
सीआरबी घोटाला
जब पहली बार रिजर्व बैंक ने किसी गैरबैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) के कारोबार पर स्थायी रोक लगाई -
नौसेना जासूसी: डॉ बीके सुब्बाराव
जब एक देश के राजदूत ने भारत में जासूसी की बात मानी लेकिन जिस कथित जासूस को भारतीय खुफिया एजेंसियों ने पकड़ा वह निर्दोष निकला
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‘किताबें दो’
कौनछात्र और अध्यापक कबदो साल से कहांबेगूसराय, बिहारक्योंयह न तो राजधानी पटना की सड़कों पर चलने वाला ऐसा सालाना आंदोलन है कि मीडिया कैमरों के फ्रेम में -
‘विधायक जी, इस्तीफा दीजिए!’
कौन ग्रामीण कब फरवरी, 2013 से कहां पश्चिमी चंपारण, बिहार क्योंबिहार के एक विधायक जी इन दिनों परेशान हैं. उनके लिए यह परेशानी उनके क्षेत्र के वोटरों ने खड़ी की -
‘अपनी जुबान में भी चाहिए इंसाफ’
कौनश्याम रुद्र पाठक कब04 दिसंबर से अनिश्चितकालीन धरना कहांकांग्रेस मुख्यालय, दिल्लीक्यों1980 में आईआईटी प्रवेश परीक्षा के टॉपर रहे श्याम रुद्र पाठक अपने कुछ साथियों के साथ दिल्ली
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‘मेरा नाम मणवाली नहीं कमला है’
गेहूं के खेतों में पकी बालियां काटते उस नन्हे-से शरीर को अगर आप दूर से देखेंगे तो यकीनन आपको वहम हो जाएगा कि कहीं कोई -
एक बार भरोसा टूटा तो...
बात उन्नीस साल पुरानी है. हम दसवीं में पढ़ रहे थे. हमारे गांव संडौरा कला (उत्तर प्रदेश के लखीमपुर-खीरी जिले में स्थित) में पांचवीं तक -
‘हर किसी को अपने हिस्से का विरोध करना होगा’
कुछ बातें ऐसी होती हैं जिनको साझा किए बिना मन नहीं मानता. वह दिन मेरे लिए बिल्कुल आम दिन था. कुछ भी अलग नहीं. मैं
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चिह्न पर प्रश्नचिह्न
- 'आप’ का क्या होगा?
- ह्त्याग्रही गांधी!
- ‘अगर मेरी बेटी वहीं बता देती तो मैं एक पत्थर उठाकर वहीं आसाराम को मार देता’
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‘जीवन एक तीर्थयात्रा है.’
- 83 के विश्व विजयी वीरों का सम्मान
- माया से मुलायम मालामाल
- अंधेरे में ज्ञान का जुगनू
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manish singh, 21/09/2013 01:31:51manish singh ye rss ki sajis hai by: imam bukhari :D :D :P :P
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jwala kumar, 20/09/2013 20:44:10jwala kumar please write year properly.........
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jwala kumar, 20/09/2013 20:41:08jwala kumar aaj ye aapka report padh kar phir dile dukhi or man sochane pe majaboor hogya hai ki hum wahi bhart me rahate hai jaha ...
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jwala kumar, 20/09/2013 20:16:12jwala kumar report acha hai.........