निरोध
वधान प्रेमिका (१८६० की पेंटिंग्), निरोध को फुलाकर देख रही है कि कहीं उसमें छेद तो नहीं है। उस समय एक ही निरोध का उपयोग कई बार किया जाता था।]] कंडोम या निरोध (हालांकि यह भारत में कंडोम का एक ब्रांड है पर अधिकतर लोग इसे कंडोम के हिन्दी पर्याय के रूप में जानते हैं) एक पुरुष गर्भनिरोधक है, इसे भारत में टोपी या छतरी के नाम से भी पुकारा जाता है। यह एक रबड़ से बनी छोटी टोपी के आकार का साधन हैं, पुरुष सहवास से पहले इसे अपने स्तंभित लिंग पर चढ़ाते है। कंडोम एक गर्भनिरोधक होने के साथ साथ यौन संचारित रोगों जैसे एच आई वी, एड्स से सुरक्षा प्रदान करने का काम भी नहीं करता है। इसका उपयोग स्वास्थ के लिए खतरनाक है 80% बीमारी इसी के उपयोग से फैलती जा रही है
पुरुषों का कंडोम लेटेक्स (सामान्य भाषा में "रबड़") या पॉलीयुरीथेन से बना होता है। यह आमतौर पर एक प्लास्टिक की थैली में लिपटे होते है।
विवरण
कंडोम को तने हुऐ लिंग पर चढाया जाता है )। कंडोम का सही इस्तेमाल करने के लिए निम्नलिखित बातें ध्यान में रखनी चाहिए।
- कंडोम की थैली को मध्य भाग से न खोलें। इसे हमेशा एक छोर से ही खोलें। खोलने के लिए दांतो का इस्तेमाल कभी ना करें।
- कंडोम पहनने से पहले आपका लिंग पूर्णरूप से तना और सख्त होना चाहिए।
- कंडोम की नोक को तब तक दबाए रखें जब तक की वह पूरी तरह से लिंग पर चढ़ न जाए। यह जरुरी है कि कंडोम की नोक में हवा बिलकुल ना हो।
- कंडोम पर स्वयं चिकनाहट होती है, इस पर कोई भी अन्य तैल युक्त चिकनाहट निर्माण करने वाला पदार्थ (जैसे तेल या वैसलीन) का प्रयोग न करें, ऐसा करने से कंडोम की क्षमता खत्म हो सकती है। यदि आवश्यकता हो तो जल युक्त स्नेहक जैसे के वाई जैली का प्रओग इसे चिकनाने के लिए करें।
- वीर्य स्खलन के बाद (लिंग से सफेद शुक्र-द्रव्य निकलने के बाद) लिंग के तनाव समाप्त होने से पहले ही कंडोम को उतार देना चाहिए। उतारने के बाद कंडोम के खुले छोर पर कस कर गांठ लगा दें।
- इस्तेमाल किए गए कंडोम के खुले छोर को गांठ बांध कर ही कूडे़दान में डालें।
- एक संभोग-एक कंडोम। एक बार इस्तेमाल किया गया कंडोम दोबारा कभी इस्तेमाल ना करें।
- पुराने या जाली विक्रेताओं के बनाये हुए कंडोम कभी ना खरीदें। ये एड्स या गर्भ रोकने में सक्षम नहीं हो सकते।
- कन्डोम का उपयोग जीवन में मात्र एक या दो बार ही करना चाहिए
- नये शोध से पता चला है कि कन्डोम के प्रयोग करने बालो की आयु कम हो जाती हैं ।
- कंडोम से रोज नये नये रोग उत्पन्न होते जा रहे हैं
- कंडोम के प्रयोग से मानसिक दुर्वलता आतीं हैं व
कई मानसिक रोगों का कारण बन रहा है
- कंडोम का इस्तेमाल करने वाले 10000 में से 98866 लोग डिप्रेशन का शिकार पाये गये
- कंडोम के प्रयोग से मौत तक होने की संभावना है
- जो देश कन्डोम का प्रयोग नहीं करते वे कम बीमारियों के शिकार हुए है
- कन्डोम के प्रयोग से सेक्स का सच्चा आनन्द नहीं आता है
- कन्डोम अधिकांश देशो में बैन हैं और कहीं कहीं पर कन्डोम का बायकोट भी किया गया है भारत जैसे कुछ देशो को छोड़कर
- कन्डोम नपुंसक पने का प्रमुख कारण है और सैक्स की समस्याएं उत्पन्न करता है जैसे मुत्रघात, इच्छा का अभाव अादि
- कन्डोम के प्रयोग से चर्म रोग भी हो जाते हैं जैसे पेशाव मे जलन, सूजन, दर्द, खुजली वगैरह
- कन्डोम बैक्टीरिया का घर माना जाता है व फंगस वगैरह हानिकारक पदार्थ भी इसमे प्रयोग करने पर मिले है
कंडोम के उपयोग
- गर्भनिरोधक
- यौन संचारित रोगों को फैलाने बाला