नाभिकीय अभिक्रिया
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नाभिकीय अभिक्रिया वह प्रक्रम है जिसमें में दो नाभिक या नाभिकीय कण आपस में टक्कर करने के बाद नये उत्पाद बनाते हैं। सिद्धांततः नाभिकीय अभिक्रिया में दो से अधिक नाभिक भी भाग ले सकते हैं किन्तु दो से अधिक नाभिकों के एक ही समय पर टकराने की प्रायिकता बहुत कम होती है, इसलिये ऐसी अभिक्रियाएं अत्यन्त कम होती हैं।
Li-6 + H-2 -> n + He
नाभिकीय अभिक्रिया का क्यू मान
[संपादित करें]नाभिकीय अभिक्रिया को रासायनिक अभिक्रिया की भांति लिखा जाय और अभिक्रिया की उर्जा को समीकरण के दांयी ओर लिखें तो -
- लक्ष्य नाभिक + प्रक्षिप्त नाभिक (projectile)) ---> अंतिम उत्पाद + बिलगित नाभिक (ejectile) + Q.
उदाहरण के लिये निम्नलिखित नाभिकीय अभिक्रिया को लें-
- Li-6 + H-2 -> 2 He + 22.4 MeV
उष्माक्षेपी (exothermal) अभिक्रियाओं के लिये क्यू-मान धनात्मक होता है और उष्माशोषी (endothermal) अभिक्रियाओं के ले ऋणात्मक।
नाभिकीय अभिक्रियाओं के प्रकार
[संपादित करें]- संलयन
- विखंडन
- स्पालेशन (spallation)
- प्रेरित गामा उत्सर्जन (Induced gamma emiisin)