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भारतीय मजदूर संघ

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भारतीय मजदूर संघ का प्रतीक चिह्न (लोगो)

भारतीय मजदूर संघ भारत का सबसे बड़ा केन्द्रीय श्रमिक संगठन है। इसकी स्थापना भोपाल में महान विचारक दत्तोपन्त ठेंगडी द्वारा प्रख्यात स्वतन्त्रता सेनानी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के जन्मदिवस 23 जुलाई 1955 को हुई। भारत के अन्य श्रम संगठनों की तरह यह किसी संगठन के विभाजन के कारण नहीं बना वरन एक विचारधारा के लोगों का सम्मिलित प्रयास का परिणाम था।

यह देश का पहला मजदूर संगठन है, जो किसी राजनैतिक दल की श्रमिक इकाई नहीं, बल्कि मजदूरों का, मजदूरों के लिए, मजदूरों द्वारा संचालित अपने में स्वतन्त्र मजदूर संगठन है। स्थापना के पश्चात द्रुत गति से उन्नति करते हुए आज यह देश में सर्वाधिक सदस्य संख्या वाला मजदूर संगठन है। भारतीय मजदूर संघ तथा भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ सम्बन्धित, एक इकाई भारतीय संरक्षण कामगार संघ आयुध निर्माणी देहूरोड पुना महाराष्ट्र में है।

अन्य मजदूर संगठनों का नारा है- दुनिया के मजदूरों एक हो! भारतीय मजदूर संघ का नारा है- मजदूरो दुनिया को एक करो!।

अन्य मजदूर संगठनों का नारा है- चाहे जो मजबूरी हो, माँग हमारी पूरी हो!

भारतीय मजदूर संघ का नारा है- देश के हित में करेंगे काम, काम के लेंगे पूरे दाम्!


भारतीय मजदूर संघ के छोटे-बड़े प्रत्येक कार्यक्रम का शुभारम्भ इस प्रकार के गीत से होता है-

मानवता के लिए उषा की किरण जगाने वाले हम,

शोषित, पीडित, दलित जनों का भाग्य बनाने वाले हम।

हम अपने श्रम सीकर से ऊसर में स्वर्ण उगा देंगे,

कंकड पत्थर समतल कर कांटों में फूल खिला देंगे।

सतत परिश्रम से अपने हैं वैभव लाने वाले हम,

शोषित, पीडित, दलित जनों का भाग्य बनाने वाले हम।

अन्य किसी के मुंह की रोटी हरना अपना काम नहीं,

पर अपने अधिकार गंवा कर, कर सकते आराम नहीं।

अपने हित औरों के हित का मेल मिलाने वाले हम,

शोषित, पीडित, दलित जनों का भाग्य बनाने वाले हम।


रोटी, कपडा, मकान, शिक्षा आवश्यकता जीवन की,

व्यक्ति और परिवार सुखी हो तभी मुक्ति होती सच्ची।

हँसते – हँसते राष्ट्र कार्य में शक्ति लगाने वाले हम,

शोषित, पीडित, दलित जनों का भाग्य बनाने वाले हम।


भारत माता का सुख गौरव प्राणों से भी प्यारा है,

युग – युग से मानव हित करना शाश्वत धर्म हमारा है।

जीवन शक्ति उसी माता को भेंट चढाने वाले हम,

शोषित, पीडित, दलित जनों का भाग्य बनाने वाले हम।

बाहरी कड़ियाँ

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