हिप्पी
हिप्पी उप-संस्कृति मूल रूप से युवाओं का एक आंदोलन था जो 1960 के दशक के मध्य में संयुक्त राज्य अमेरिका में उभरा और बड़ी तेजी से दुनिया के अन्य देशों में फ़ैल गया। 'हिप्पी' शब्द की व्युत्पत्ति हिप्स्टर से हुई है, शुरुआत में इसका इस्तेमाल बीटनिकों (परंपराओं का विरोध करने वाले लोग) को सन्दर्भित करने के लिए किया जाता था जो न्यूयॉर्क शहर के ग्रीनविच विलेज और सैन फ्रांसिस्को के हाईट-ऐशबरी जिले में जाकर बस गए थे। हिप्पी की शुरुआती विचारधारा में बीट पीढ़ी के सांस्कृतिक विरोधी (काउंटरकल्चर) मूल्य शामिल थे। कुछ लोगों ने अपने स्वयं के सामाजिक समूहों और समुदायों का निर्माण किया जो मनोविकृतिकारी रॉक धुनों को सुनते थे, यौन क्रांति को अंगीकार करते थे और चेतना की वैकल्पिक अवस्थाओं को प्राप्त करने के लिए मारिजुआना एवं एलएसडी जैसी नशीली दवाओं का सेवन करते थे।
जनवरी 1967 में सैन फ्रांसिस्को के गोल्डन गेट पार्क में ह्यूमन बी-इन ने हिप्पी संस्कृति को लोकप्रियता दिलाई जिसने आगे चलकर संयुक्त राज्य अमेरिका के वेस्ट कोस्ट के अति प्रसिद्ध समर ऑफ लव और ईस्ट कोस्ट में 1969 वुडस्टॉक फेस्टिवल को जन्म दिया। जिपिटेकस के नाम से जाने जानेवाले मेक्सिको के हिप्पियों ने ला ओंडा चिकाना का गठन किया और एवेंडारो में इकट्ठा हुए जबकि न्यूजीलैंड में खानाबदोश हाउसट्रकर्स ने वैकल्पिक जीवनशैली को अपनाया और नाम्बासा में चिरस्थायी ऊर्जा को बढ़ावा दिया। यूनाइटेड किंगडम में न्यू एज ट्रैवलर्स के घुमंतू "शांति रक्षकों" ने स्टोनहेंज के मुफ्त संगीत समारोहों के लिए गर्मियों के तीर्थ स्थानों का निर्माण किया। ऑस्ट्रेलिया में हिप्पी 1973 के एक्वेरियस फेस्टिवल और वार्षिक कैनाबिस लॉ रिफॉर्म रैली या मार्डीग्रास के लिए निम्बिन में एकत्र हुए. चिली में 1970 में "पिएड्रा रोजा फेस्टिवल" का आयोजन किया गया था और यह उस देश में एक प्रमुख हिप्पी समारोह था।
हिप्पियों के फैशन और मूल्यों का संस्कृति पर एक बड़ा प्रभाव था जिसने लोकप्रिय संगीत, टेलीविजन, फिल्म, साहित्य और कला को प्रभावित किया। 1960 के दशक में व्यापक आंदोलन के बाद से हिप्पी संस्कृति के कई पहलुओं को मुख्यधारा के समाज ने अपने अंदर समाहित कर लिया है। हिप्पियों द्वारा समर्थित धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता ने व्यापक स्वीकृति प्राप्त की है और पूर्वी दर्शन एवं आध्यात्मिक अवधारणाएं एक बड़े पैमाने पर दर्शकों तक पहुँच गयी हैं। हिप्पी परंपरा को समकालीन संस्कृति में अनगिनत स्वरूपों में देखा जा सकता है - स्वास्थ्यकर भोजन से लेकर संगीत समारोहों, समकालीन यौन संस्कृतियों और यहाँ तक कि साइबरस्पेस क्रांति तक.[1]
शब्द-व्युत्पत्ति
[संपादित करें]ऑक्सफोर्ड अंग्रेजी शब्दकोश के प्रमुख अमेरिकी संपादक, लेक्सिकोग्राफर जेसी शीडलोवर का तर्क है कि हिप्स्टर और हिप्पी शब्द हिप शब्द से बने हैं जिसके मूल अज्ञात हैं। [2] हिप्स्टर शब्द की रचना 1940 में हैरी गिब्सन ने की थी। [3] हालांकि हिप्पी शब्द को 1960 के दशक की शुरुआत में स्वतंत्र रूप से इस्तेमाल किया गया था लेकिन इस शब्द का पहला समकालीन लिखित इस्तेमाल 5 सितंबर 1965 को सैन फ्रांसिस्को के पत्रकार माइकल फॉलन द्वारा लिखे आलेख "ए न्यू हेवेन फॉर बीटनिक्स" में देखा गया था। उस आलेख में फॉलन ने ब्लू यूनिकॉर्न कॉफ़ीहाउस के बारे में लिखते हुए हिप्पी शब्द का इस्तेमाल बीटनिकों की नयी पीढी को सन्दर्भित करने के लिए किया था जो नॉर्थ बीच से हाईट-ऐशबरी जिले में स्थानांतरित हो गए थे। न्यूयॉर्क टाइम्स के संपादक और व्यावहारिक लेखक थिओडोर एम. बर्नस्टेन ने कहा कि दस्तावेजों ने हिप्पी फैशन (hippy fashions) के रूप में कपड़ों के अस्पष्ट विवरण से बचने के लिए हिप्पी (hippy) की वर्तनी को हिप्पी (hippie) में बदल दिया था।
इतिहास
[संपादित करें]उत्पत्ति
[संपादित करें]हिप्पी आंदोलन की नींव का पूर्व ऐतिहासिक उदाहरण प्राचीन यूनानियों की प्रति-संस्कृति (काउंटरकल्चर) में देखा जाता है जो सिनोपे के डायोजीन्स द्वारा और हिप्पी संस्कृति के प्रारंभिक स्वरूपों में सिनिक्स जैसे दार्शनिकों द्वारा भी समर्थित है। [4] हिप्पी दर्शन यीशु मसीह, हिलेल द एल्डर, बुद्ध, मैजडैक, एसिसी के सेंट फ्रांसिस, हेनरी डेविड थोरू और गांधी के धार्मिक एवं आध्यात्मिक उपदेशों को भी श्रेय देता है। [4]
जिन्हें हम आधुनिक "प्रोटो-हिप्पी" कह सकते हैं उनका पहला संकेत फिन डी सिकल यूरोप में उभरकर सामने आया था। 1896 और 1908 के बीच उन व्यवस्थित सामाजिक और सांस्कृतिक क्लबों की प्रति-सांस्कृतिक प्रतिक्रिया स्वरुप एक जर्मन युवा आंदोलन शुरू हुआ जो जर्मन लोक संगीत के आसपास केंद्रित था। डेर वंडरवोगेल ("प्रवासी पक्षी") के रूप में जाने जानेवाले इस आंदोलन ने शौकिया संगीत और गायन, रचनात्मक पोशाक और लंबी पैदल यात्रा एवं शिविर लगाकर की जानेवाली सामुदायिक सैर को बढ़ावा देने की बजाय पारंपरिक जर्मन क्लबों की औपचारिकता का विरोध किया। [5] फ्रेडरिक नीत्शे, गेटे, हरमन हेसे और एडवर्ड बाल्त्ज़र के कार्यों से प्रेरित वंडरवोगेल ने हजारों की संख्या में ऐसे युवा जर्मनों को आकर्षित किया जिन्होंने शहरीकरण की दिशा में तेजी से बढ़ते रुझान को नकार दिया था और अपने पूर्वजों के प्रकृति की ओर वापसी करने वाले आध्यात्मिक जीवन, मूर्तिपूजा के लिए उत्सुकता दिखाई थी। [6] बीसवीं सदी के पहले कई दशकों के दौरान जर्मन लोग वंडरवोगेल के मूल्यों को अपने साथ लेकर संयुक्त राज्य अमेरिका के आसपास बस गए। कुछ लोगों ने पहले हेल्थ फ़ूड स्टोरों को खोला और कई लोग दक्षिणी कैलिफोर्निया चले गए जहाँ उन्होंने एक गर्म जलवायु में एक वैकल्पिक जीवनशैली को अपनाने में सफलता प्राप्त की। समय बीतने के साथ युवा अमेरिकियों ने नए आप्रवासियों के मान्यताओं और तौर-तरीकों को अपना लिया। "नेचर ब्वायज" नामक एक समूह ने कैलिफोर्निया के रेगिस्तान को चुना और वहाँ जैविक खाद्य-पदार्थों को उगाया और प्रकृति की ओर वापसी करने वाली वंडरवोगेल जैसी जीवनशैली का समर्थन किया। [7] गीतकार ईडन आबेज़ ने उन रॉबर्ट बूत्ज़िन (जिप्सी बूट्स) की प्रेरणा से नेचर व्वाय नामक एक हिट गीत लिखा था, जिन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका में स्वास्थ्य संबंधी चेतना, योगा और जैविक खाद्य को लोकप्रियता दिलाने में खासी मदद की थी।
वंडरवोगेल की तरह हिप्पी आंदोलन की शुरुआत संयुक्त राज्य अमेरिका में एक युवा आंदोलन के रूप में हुई। ज्यादातर 15 और 25 साल के बीच की उम्र के गोरे किशोरों और युवा वयस्कों से निर्मित,[8][9] हिप्पियों ने 1950 के दशक के उत्तरार्द्ध में बोहेमियाइयों और बीट पीढ़ी के बीटनिकों से सांस्कृतिक मतभेद की एक परंपरा की विरासत को आगे बढाया.[9] एलन गिन्सबर्ग की तरह बीट्स ने भी बीट आंदोलन के दायरे को पार किया और उभरते हिप्पियों और युद्ध-विरोधी आंदोलनों के संयोजक बन गए। 1965 तक हिप्पी अमेरिका में एक स्थापित सामाजिक समूह बन गए थे और अंततः इस आंदोलन का विस्तार अन्य देशों में हुआ[10][11] और फिर यह दूर-दूर तक जाकर ब्रिटेन, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड, जापान, मैक्सिको और ब्राजील में फ़ैल गया। [12] हिप्पी रीति-रिवाजों ने ब्रिटेन और यूरोप के अन्य भागों में बीटलों और अन्य समुदायों को प्रभावित किया और इसके बदले उन्होंने अपने अमेरिकी समकक्षों पर इसका प्रभाव छोड़ा.[13] दुनिया भर में हिप्पी संस्कृति का विस्तार रॉक संगीत, फोक, ब्लूज और साइकेडेलिक रॉक के मेल के जरिये संभव हुआ; इसका विस्तार साहित्य, रंगमंचीय कला, फैशन और विजुअल आर्ट सहित फिल्मों, रॉक संगीत कार्यक्रमों के विज्ञापन वाले पोस्टरों और एल्बम कवरों में भी देखा गया। [14] 1968 तक आत्म-वर्णित हिप्पियों की संख्या काफी कम हो गयी थी जिनका प्रतिनिधित्व 1970 के दशक के मध्य में गिरावट से पहले अमेरिकी आबादी में केवल 0.2% के नीचे ही था। [15][10]
न्यू लेफ्ट और अमेरिकन सिविल राइट्स मूवमेंट के साथ-साथ हिप्पी आंदोलन 1960 के दशक की प्रति-संस्कृति (काउंटरकल्चर) के तीन असहमत समूहों में से एक था। [11] हिप्पियों ने सुव्यवस्थित संस्थाओं को अस्वीकार कर दिया, मध्यमवर्गीय मूल्यों की आलोचना की, परमाणु हथियारों और वियतनाम युद्ध का विरोध किया, पूर्वी दर्शन के पहलुओं को अंगीकार किया,[16] यौन स्वतंत्रता में महारत हासिल की, जो अक्सर शाकाहारी और पर्यावरण-मित्र होते थे, उन्होंने मनोविकृतिकारी नशीली दवाओं के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जिसके बारे में उनका मानना था कि यह व्यक्ति की चेतना को बढ़ाता है और साथ ही उन्होंने सुविचारित समुदायों या कम्यून्स का निर्माण किया। उन्होंने अपनी जीवनशैली के एक हिस्से के रूप में और अपनी भावनाओं, अपने विरोधों और दुनिया एवं जिंदगी से जुड़े अपने विचारों को व्यक्त करने के एक तरीके के रूप में वैकल्पिक कलाओं, नुक्कड़ नाटक, लोक संगीत और साइकेडेलिक रॉक का उपयोग किया। हिप्पियों ने राजनीतिक और सामाजिक कट्टरपंथ का विरोध किया और एक ऐसी सभ्य एवं गैर-सैद्धांतिक विचारधारा को पसंद किया जो शान्ति, प्रेम और व्यक्तिगत आजादी का समर्थन करती थी,[17][18] उदाहरण के लिए जैसा कि बीटल्स के गीत "ऑल यू नीड इज लव" में व्यक्त किया गया है। [19] हिप्पी प्रमुख संस्कृति को एक ऐसी भ्रष्ट, अखंड इकाई मानते थे जिसने उनके जीवन पर अनुचित शक्ति का प्रयोग किया था, इसीलिये वे इस संस्कृति को "द एस्टेब्लिशमेंट", "बिग ब्रदर", या "द मैन" कहकर संबोधित करते थे। [20][21][22] यह देखते हुए कि वे "अभिप्रायों और मूल्यों के चाहने वाले" थे, टिमोथी मिलर जैसे विद्वानों ने हिप्पियों का उल्लेख एक नए धार्मिक आंदोलन के रूप में किया। [23]
प्रारंभिक हिप्पी (1960-1966)
[संपादित करें]"The 60′s were a leap in human consciousness. Mahatma Gandhi, Malcolm X, Martin Luther King, Che Guevara, Mother Teresa, they led a revolution of conscience. The Beatles, The Doors, Jimi Hendrix created revolution and evolution themes. The music was like Dali, with many colors and revolutionary ways. The youth of today must go there to find themselves."
1960 के दशक की शुरुआत के दौरान उपन्यासकार केन केसी और मेरी प्रैंकस्टर्स समूह कैलिफोर्निया में एक साथ मिलकर रहते थे। इसके सदस्यों में बीट पीढ़ी के नायक नील कैसेडी, केन बैब्स, कैरोलीन एडम्स (उर्फ़ माउन्टेन गर्ल), स्टीवर्ट ब्रांड, देल क्लोज, पुल फ़ॉस्टर, जॉर्ज वाकर, सैंडी लेहमैन-हॉप्ट और अन्य शामिल थे। उनके शुरुआती दुस्साहसिक कार्यों को टॉम वुल्फ्स की पुस्तक द इलेक्ट्रिक कूल-एड एसिड टेस्ट में दर्ज किया गया है। केसी के उपन्यास समटाइम्स ए ग्रेट नोशन के प्रकाशन की खुशियाँ मनाने और न्यूयॉर्क सिटी में 1964 के वर्ल्ड्स फेयर को देखने के लिए मेरी प्रैंकस्टर्स समूह ने फर्दर नामक एक स्कूल बस के पिछले पहियों पर कैसेडी को बिठाकर पूरे संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा की थी। मेरी प्रैंकस्टर्स समूह को मारिजुआना, एम्फिटामाइन्स और एलएसडी जैसी नशीली दवाओं के सेवन के लिए जाना जाता था और अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने कई लोगों को इन नशीली दवाओं का "अभ्यस्त" बना दिया। मेरी प्रैंकस्टर्स ने अपनी बस यात्राओं को फिल्माया और ऑडियो टेप तैयार किया जिनमें एक व्यापक मल्टीमीडिया अनुभवों का सार था जिन्हें बाद में समारोहों और संगीत कार्यक्रमों के रूप में सार्वजनिक तौर पर प्रस्तुत किया जाना था। ग्रेटफुल डेड ने मेरी प्रैंकस्टर्स की बस यात्राओं के बारे में "दैट्स इट फॉर द अदर वन" शीर्षक से एक गीत लिखा था। [25]
इसी अवधि के दौरान न्यूयॉर्क शहर के ग्रीनविच ग्राम और बर्कले, कैलिफोर्निया ने अमेरिकी लोक संगीत सर्किट को आश्रय दिया। बर्कले के दो कॉफी हाउसों, कैबेले क्रीमरी और जैबरवॉक (देखें जैबरवॉक) ने लोक संगीत कलाकारों द्वारा एक बीट सेटिंग में कई कार्यक्रमों को प्रायोजित किया। [26] अप्रैल 1963 में कैबेले क्रीमरी के सह-संस्थापक चैंडलर ए. लाफलिन III,[27] ने एक ग्रामीण पृष्ठभूमि में एक पारंपरिक, रात-भर के मूल अमेरिकी पेयोटे समारोह में हिस्सा लेनेवाले तकरीबन पचास लोगों के बीच एक तरह की आदिवासी, पारिवारिक पहचान कायम की। इस समारोह में परंपरागत मूल अमेरिकी आध्यात्मिक मूल्यों के साथ मनोविकृतिकारी अनुभव का समावेश था; इन लोगों ने नेवादा के वर्जिनिया सिटी के प्राचीन माइनिंग टाउन में स्थित रेड डॉग सैलून में संगीत की अभिव्यक्ति और प्रदर्शन की एक अनोखी शैली को प्रायोजित किया। [28]
1965 की गर्मियों के दौरान लाफलिन ने ज्यादातर मूल प्रतिभाओं को नियुक्त किया जो पारंपरिक लोक संगीत और विकासशील साइकेडेलिक रॉक दृश्य के एक अनोखे संगम का कारण बना। [28] उन्होंने और उनके साथियों ने जो रचना की उसे "द रेड डॉग एक्सपीरिएन्स" के नाम से जाना गया जिसमें पहले के अज्ञात संगीत रचनाओं - ग्रेटफुल डेड, जेफ़रसन एयरप्लेन, आयरन बटरफ्लाई, बिग ब्रदर और होल्डिंग कंपनी, क्विकसिल्वर मेसेंजर सर्विस, द चार्लाटंस और अन्य - को दिखाया गया था जिन्होंने वर्जिनिया सिटी के रेड डॉग सैलून की पूर्णतः नवीनीकृत, अन्तरंग पृष्ठभूमि में प्रदर्शन किया। "द रेड डॉग एक्सपीरिएंस" में "कलाकारों" और दर्शकों के बीच कोई स्पष्ट चित्रण नहीं था, जिसके दौरान संगीत, मनोविकृतिकारी प्रयोग, निजी शैली की एक विशिष्ट भावना और बिल हैम के प्रथम प्राचीन लाईट शो ने मिलकर समुदाय की एक नई भावना को जन्म दिया। [29] लाफलीन और चार्लाटंस के जॉर्ज हंटर अपने लंबे बालों, जूतों और उन्नीसवीं-सदी की अमेरिकी (और मूल अमेरिकी) विरासत के अपमानजनक कपड़ों के साथ सही मायनों में "प्रोटो-हिप्पी" थे। [28] एलएसडी निर्माता ऑस्ली स्टेनली 1965 के दौरान बर्कले में रहते थे और एलएसडी की ज्यादातर मात्रा उन्होंने उपलब्ध कराई जो साइकेडेलिक रॉक और नवोदित हिप्पी संस्कृति के प्रारंभिक विकास, "रेड डॉग एक्सपीरियेंस" का एक मौलिक हिस्सा बना। रेड डॉग के सैलून में चार्लाटंस पहले साइके डेलिक रॉक बैंड थे जिन्होंने एलएसडी के नशे में झूमते हुए लाइव (हालांकि अनजाने में) प्रदर्शन किया। [30]
जब वे सैन फ्रांसिस्को लौटे, रेड डॉग के प्रतिभागियों लूरिया कैस्टेल, एलेन हारमन और एल्टन केली ने मिलकर "द फैमिली डॉग" नामक एक संगठन तैयार किया। [28] उनके रेड डॉग अनुभवों के आधार पर तैयार फैमिली डॉग ने 16 अक्टूबर 1965 को लांगशोरमैन्स हॉल में "ए ट्रिब्यूट टू डॉक्टर स्ट्रेंज" कार्यक्रम का आयोजन किया। [31] खाड़ी क्षेत्र के तकरीबन 1000 मूल "हिप्पियों" की मौजूदगी में यह कार्यक्रम सैन फ्रांसिस्को का पहला साइकेडेलिक रॉक प्रदर्शन था जिसमें जेफ़रसन एयरप्लेन, द ग्रेट सोसाइटी और द मार्बल्स के साथ कॉस्टयूम वाले नृत्य और लाईट शो का प्रदर्शन किया गया था। इसके बाद वर्ष की समाप्ति से पहले दो अन्य कार्यक्रम आयोजित किये गए, एक कैलिफोर्निया हॉल में और दूसरा मैट्रिक्स में.[28] पहले तीन फैमिली डॉग कार्यक्रमों के बाद एक अपेक्षाकृत बड़ा साइकेडेलिक कार्यक्रम सैन फ्रांसिस्को के लांगशोरमैन हॉल में आयोजित किया गया। "द ट्रिप्स फेस्टिवल" नामक यह कार्यक्रम 21 जनवरी - 23 जनवरी 1966 तक चला और इसका आयोजन स्टीवर्ट ब्रांड, केन केसी, ऑस्ली स्टेनली और अन्य लोगों ने किया था। इस पूरी तरह से बेचे गए कार्यक्रम में दस हजार लोगों ने भाग लिया जबकि इसके अतिरिक्त प्रत्येक रात एक हजार से ज्यादा लोग वापस लौट गए। [32] 22 जनवरी शनिवार को ग्रेटफुल डेड, बिग ब्रदर और होल्डिंग कंपनी एक साथ मंच पर आये जहां 6,000 लोग एलएसडी का सेवन करने तथा इस युग के पहली बार पूर्ण रूप से विकसित लाईट शोज में से एक को देखने के लिए यहाँ पहुँचे थे। [33]
It is nothing new. We have a private revolution going on. A revolution of individuality and diversity that can only be private. Upon becoming a group movement, such a revolution ends up with imitators rather than participants...It is essentially a striving for realization of one's relationship to life and other people...
फरवरी 1966 तक फैमिली डॉग आयोजक चेट हेल्म्स के तहत फैमिली डॉग प्रोडक्शन्स बन गया था जिसने बिल ग्राहम के साथ प्रारंभिक सहयोग में एवैलन बॉलरूम और फिलमोर ऑडिटोरियम में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों का प्रचार-प्रसार किया। एवैलन बॉलरूम, फिलमोर ऑडिटोरियम और अन्य आयोजन स्थलों ने ऐसी सेटिंग्स प्रदान की जहाँ प्रतिभागी संपूर्ण साइकेडेलिक संगीत का अनुभव प्राप्त कर सकते थे। बिल हैम, जिन्होंने मूल रेड डॉग लाईट शोज को प्रमुखता दिलाई थी, लिक्विड लाईट प्रोजेक्शन की अपनी कला में महारत हासिल की, जो लाईट शोज और फिल्म प्रोजेक्शन को एक साथ मिला दिया और सैन फ्रांसिस्को बॉलरूम अनुभव के पर्याय बन गए। [28][35] रेड डॉग सैलून में शैली और पोशाक की जो समझ विकसित हुई थी वह उस समय उभरकर सामने आयी जब सैन फ्रांसिस्को का फॉक्स थियेटर कारोबार से बाहर हो गया और हिप्पियों ने इसके कॉस्टयूम भंडार को खरीद लिया, जिससे उन्हें अपने पसंदीदा बॉलरूमों में साप्ताहिक संगीतमय प्रदर्शनों के लिए पोशाक चुनने की आजादी मिल गयी। जैसा कि सैन फ्रांसिस्को क्रॉनिकल के संगीत स्तंभकार राल्फ जे. ग्लीसन ने उनके बारे में लिखा, "वे रात भर, कामोत्तेजना के साथ, सहज भाव से और पूरी तरह से उन्मुक्त होकर नाचे".[28]
सैन फ्रांसिस्को के कुछ सबसे शुरुआती हिप्पी सैन फ्रांसिस्को स्टेट कॉलेज के पूर्व छात्र थे[36] जो विकसित हो रहे साइकेडेलिक हिप्पी संगीत परिदृश्य के प्रति उत्सुक हुए.[28] ये छात्र अपनी पसंद के बैंडों के साथ जुड़ गए और हाईट-ऐशबरी में बड़े और सस्ते विक्टोरियन अपार्टमेंटों में सामुदायिक रूप से रहने लगे.[37] युवा अमेरिकियों ने अपने देश के आसपास के इलाकों से सैन फ्रांसिस्को में स्थानांतरित होना शुरू कर दिया था और जून 1966 तक तकरीबन 15,000 हिप्पी हाईट में जाकर बस गए थे। [38] चार्लाटंस, जेफ़रसन एयरप्लेन, बिग ब्रदर, होल्डिंग कंपनी और ग्रेटफुल डेड, सभी इस अवधि के दौरान सैन फ्रांसिस्को के हाईट-ऐशबरी के आस-पड़ोस के इलाकों में स्थानांतरित हो गए थे। गतिविधियाँ एक गुरिल्ला नुक्कड़ नाटक समूह, डिगर्स के आसपास केंद्रित हो गयी थीं जिसने एक "मुक्त शहर" बनाने के लिए सहज नुक्कड़ नाटक, अराजकतावादी कार्य और कला संबंधी आयोजनों को अपनी कार्यसूची में शामिल किया। 1966 के अंत में डिगर्स ने फ्री स्टोर खोले जिन्होंने सहज तरीके से अपने भंडारों को बाँटा, मुफ्त भोजन उपलब्ध कराया, मुफ्त दवाएं बाँटी, पैसे बाँटे, मुफ्त संगीत कार्यक्रमों का आयोजन किया और राजनीतिक कला के कार्यों का प्रदर्शन किया। [39]
6 अक्टूबर 1966 को कैलिफोर्निया प्रांत ने एलएसडी को एक नियंत्रित पदार्थ घोषित किया जिसने इस नशीली दवा को अवैध बना दिया। [40] साइकेडेलिक्स के अपराधीकरण के जवाब में सेन फ्रांसिस्को के हिप्पियों ने गोल्डन गेट पार्क पैनहैंडल में एक सभा का आयोजन किया जिसे लव पेजियेंट रैली का नाम दिया गया,[40] जिसने एक अनुमान के अनुसार 700-800 लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया। [41] जैसा कि सैन फ्रांसिस्को ऑरेकल के सह-संस्थापक एलन कोहेन ने वर्णन किया है, इस रैली का दोहरा उद्देश्य था: इस तथ्य की ओर ध्यान खींचना कि एलएसडी को हाल ही में अवैध करार दिया गया है - और यह दिखाना कि जो लोग एलएसडी का इस्तेमाल करते थे, वे अपराधी नहीं थे और ना ही वे मानसिक रूप से बीमार थे। यहाँ ग्रेटफुल डेड का प्रदर्शन किया गया था कुछ सूत्रों का दावा है कि रैली में एलएसडी का सेवन किया गया था। कोहेन के अनुसार, जिन लोगों ने एलएसडी का सेवन किया था "वे अवैध पदार्थों के इस्तेमाल के दोषी नहीं थे...हम अतींद्रिय चेतना, ब्रह्मांड की सुंदरता, जीवन के सौंदर्य का जश्न मना रहे थे."[42]
समर ऑफ लव (1967)
[संपादित करें]14 जनवरी 1967 को माइकल बॉवेन[43] द्वारा आयोजित आउटडोर ह्यूमन बी-इन ने पूरे संयुक्त राज्य अमेरिका में हिप्पी संस्कृति को लोकप्रियता दिलाने में मदद की, जब 20,000 हिप्पी सैन फ्रांसिस्को के गोल्डन गेट पार्क में इकट्ठा हुए. 26 मार्च को ईस्टर रविवार के मौके पर लाऊ रीड, एडी सेजविक और 10,000 हिप्पी एक साथ मिलकर सेन्ट्रल पार्क बी-इन के लिए मैनहट्टन में पहुँचे.[44] 16 जून से 18 जून तक आयोजित मोंटेरे पॉप फेस्टिवल ने प्रति-संस्कृति (काउंटरकल्चर) के रुक संगीत को दर्शकों के एक व्यापक वर्ग तक पहुंचाया और "समर ऑफ लव" की शुरुआत को चिह्नित किया। [45] स्कॉट मैकेंजी द्वारा गाया जॉन फिलिप्स का गीत "सेन फ्रांसिस्को" संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप में एक हिट गीत बन गया। गीत के बोल "अगर आप सैन फ्रांसिस्को जा रहे हैं तो अपने बालों में कुछ फूल जरूर लगा लीजिये" ने सैन फ्रांसिस्को की यात्रा करने वाले दुनिया भर के हजारों युवाओं को प्रेरित किया, जो कभी-कभी अपने बालों में फूल लगा लिया करते थे और रास्ते से गुजरने वालों को फूल बाँटते थे, जिससे उनका नाम "फ्लावर चिल्ड्रेन" पड़ गया। ग्रेटफुल डेड, बिग ब्रदर और होल्डिंग कंपनी (जैनिस जोप्लिन के साथ) जैसे बैंड और जेफ़रसन एयरप्लेन हाईट में रहते थे।
जून 1967 में "एक प्रतिष्ठित पत्रिका"[46] द्वारा हर्ब कैन को इस विषय पर लिखने के लिए संपर्क किया गया कि हिप्पी सैन फ्रांसिस्को की ओर क्यों आकर्षित हुए थे। उन्होंने इस काम के लिए मना कर दिया लेकिन सैन फ्रांसिस्को क्रॉनिकल में अपने स्वयं के अखबार के स्तंभ के लिए हिप्पियों का साक्षात्कार किया। कैन ने यह निर्धारित किया कि "उनके संगीत को छोड़कर, वे प्रत्यक्ष दुनिया की मान्यता के बारे में कम परवाह नहीं कर सके थे.[46] स्वयं कैन ने यह महसूस किया कि सैन फ्रांसिस्को शहर इतना प्रत्यक्ष था कि इसने हिप्पी संस्कृति के साथ एक दिखाई देने वाला विरोधाभाष प्रदान किया.[46] 7 जुलाई को टाइम पत्रिका ने "द हिप्पीज: द फिलॉसफी ऑफ ए सबकल्चर" शीर्षक से एक कवर स्टोरी प्रकाशित की। इस आलेख में हिप्पी कोड के दिशानिर्देशों का वर्णन किया गया था: "जहाँ कहीं भी तुम्हें कुछ करना है और जब भी तुम कुछ करना चाहते हो, अपना काम स्वयं करो. छोड़ दो. समाज को छोड़ दो क्योंकि तुमने इसे जान लिया है. इसे पूरी तरह से छोड़ दो. प्रत्येक उस सीधे व्यक्ति के मस्तिष्क को साफ़ करो जिसके पास तुम पहुँच सकते हो. अगर नशे की ओर नहीं तो सौंदर्य, प्रेम, ईमानदारी और मस्ती के लिए उन्हें उकसाओ."[47] यह अनुमान लगाया गया है कि 1967 की गर्मियों में तकरीबन 1,00,000 लोगों ने सैन फ्रांसिस्को की यात्रा की थी। मीडिया ठीक उनके पीछे थी जिसने हाईट-ऐशबरी जिले पर एक स्पॉटलाइट का चित्रण किया और "हिप्पी" लेबल को लोकप्रियता दिलाई. इस विस्तारित प्रयास के साथ हिप्पियों ने प्रेम और शान्ति के अपने आदर्शों के लिए समर्थन हासिल कर लिया लेकिन उनके कार्य-विरोधी, नशे की ओर झुकाव और स्वतंत्रता देने वाले रिवाजों के लिए उनकी आलोचना भी की गयी।
गर्मियों के अंत तक हाईट-ऐशबरी का दृश्य खराब हो चुका था। मीडिया की लगातार कवरेज ने डिगर्स को एक परेड के साथ "हिप्पी" की मौत की घोषणा करने के लिए बाध्य कर दिया। [48][49] स्वर्गीय कवि सुसान 'स्टॉर्मी' चैम्बलेस के अनुसार हिप्पियों ने अपने प्रभाव की समाप्ति को दर्शाने के लिए एक हिप्पी के पुतले को पैनहैंडल में ले जाकर दफ़न कर दिया। हाईट-ऐशबरी भीड़ के प्रवाह (ज्यादातर अनुभवहीन युवाओं) को संभाल नहीं पाया जहाँ रहने के लिए जगह नहीं बची थी। कई लोगों ने सडकों पर, भीख माँगते हुए और नशीली दवाएं बेचते हुए रहना स्वीकार कर लिया। वहाँ कुपोषण, बीमारी और मादक पदार्थों की लत की समस्याएं उत्पन्न हो गयी थीं। अपराध और हिंसा आसमान छू रही थी। 1967 के अंत तक समर ऑफ लव को बढ़ावा देनेवाले कई हिप्पी और संगीतकार वहाँ से स्थानांतरित हो गए थे। हिप्पी संस्कृति के बारे में, विशेषकर नशीली दवाओं के दुरुपयोग और उदार नैतिकता के संबंध में गलतफहमियों ने 1960 के दशक के अंत में नैतिक घबडाहट को काफी बढ़ावा दिया। [50]
क्रांति (1967-1970)
[संपादित करें]1968 तक हिप्पी-प्रभावित फैशन ने मुख्यधारा में, विशेष रूप से युवाओं और एक बड़ी आबादी की "बेबी बूमर" पीढ़ी में कम उम्र के वयस्कों के लिए अपनी जगह बनानी शुरू कर दी थी, जिनमें से कई लोगों में अब आदिवासी समुदायों के बीच रहने वाले कट्टर आंदोलनों का अनुकरण करने की इच्छा हो सकती थी लेकिन उनके साथ इनका कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं था। ऐसा ना केवल कपड़ों और लोगों के लंबे बालों के सन्दर्भ में बल्कि संगीत, फिल्म, कला और साहित्य में भी देखा गया था और सिर्फ अमेरिका में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में पाया गया था। यूजीन मैककार्थी के संक्षिप्त राष्ट्रपति चुनाव अभियान में कम उम्र के वयस्कों के एक अल्पसंख्यक समुदाय को अपनी दाढ़ियों को शेव कर और लंबे स्कर्ट पहनकर "जीन की खातिर क्लीन होने" के लिए सफलतापूर्वक मनाया गया था; हालांकि मीडिया स्पॉटलाइट में मोतियों, पंखों, फूलों और घंटियों से सजे हरसूट हिप्पियों की लोकप्रिय छवि पर "क्लीन जींस" का प्रभाव नहीं के बराबर पड़ा.
यिप्पी, जिन्हें हिप्पी आंदोलनों की एक शाखा के रूप में देखा गया था, इन लोगों ने एक राजनीतिक पार्टी के रूप में आचरण किया और 1968 में अपने वसंत एक्विनॉक्स (रात-दिन बराबर होने के समय) समारोह के दौरान राष्ट्रीय परिदृश्य में उभरकर सामने आये जब इनमें से तकरीबन 3,000 लोगों ने न्यूयॉर्क के ग्रांड सेंट्रल स्टेशन को अपने कब्जे में कर लिया - जिसके कारण अंततः 61 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। यिप्पियों में विशेष रूप से उनके नेताओं एबी हॉफमैन और जेरी रुबिन अपनी नाटकीयता से कुख्यात हुए, जैसे कि अक्टूबर 1967 के युद्ध संबंधी विरोध प्रदर्शन में पेंटागन पर चढ़ाई की कोशिश और "राइज अप एंड एबेंडन द क्रीपिंग मीटबॉल!" जैसे नारे बुलंद करना। कथित रूप से उनका इरादा शिकागो में अगस्त 1968 के डेमोक्रेटिक नॅशनल कन्वेंशन का विरोध करना था जिसमें उनके अपने उम्मीदवार "लिंडन पिगासस पिग" (एक वास्तविक सूअर) को नामांकित करना शामिल था जिसे उस समय मीडिया में बड़े पैमाने पर प्रचारित किया गया था। [51]
अप्रैल 1969 में बर्कले, कैलिफोर्निया में पीपुल्स पार्क के निर्माण ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोगों का ध्यान खींचा. कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले ने परिसर के निकट एक2.8-एकड़ (11,000 मी2) पार्सल पर सभी भवनों को ध्वस्त कर दिया था जहाँ उस जमीन का उपयोग खेल के मैदानों और एक पार्किंग स्थल के निर्माण के लिए करने का इरादा था। एक लंबी देरी के बाद, जिसके दौरान यह स्थान एक खतरनाक आँख की किरकिरी बन गया था, बर्कले के हजारों आम नागरिकों, व्यापारियों, छात्रों और हिप्पियों ने इस मामले को अपने हाथों में ले लिया और इस जमीन को एक पार्क में तब्दील करने के लिए पेड़, झाड़ियाँ, फूल और घास लगाने का काम किया। 15 मई 1969 को एक व्यापक टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गयी थी जब गवर्नर रोनाल्ड रीगन ने पार्क को नष्ट कर देने का आदेश दिया जिसके परिणाम स्वरुप अमेरिकी नेशनल गार्ड ने बर्कले शहर को दो-हफ़्तों तक अपने नियंत्रण में ले लिया था। [52] इस नियंत्रण के दौरान फूलों की शक्ति ने अपना प्रभाव दिखाया जब हिप्पियों ने सविनय अवज्ञा का विकल्प अपनाते हुए "लेट ए थाउजेंड पार्क्स ब्लूम" के नारे के साथ पूरे बर्कले के खाली स्थानों पर फूलों के पौधे रोपने का काम किया।
अगस्त 1969 में न्यूयॉर्क के बेतेल में वुडस्टॉक म्यूजिक और आर्ट फेयर का आयोजन किया गया जो कई लोगों के लिए हिप्पी प्रति-संस्कृति (काउंटरकल्चर) का सबसे अच्छा उदाहरण बना। 5,00,000 से ज्यादा लोग उस युग के कुछ सबसे उल्लेखनीय संगीतकारों और बैंडों को सुनने के लिए[53] पहुँचे थे जिनमें रिची हेवेन्स, जोन बीज, जेनिस जोप्लिन, ग्रेटफुल डेड, क्रीडेंस क्लीयरवाटर रिवाइवल, क्रॉस्बी, स्टिल्स, नैश एंड यंग, कार्लोस सैंटाना, द हू, जेफ़रसन एयरप्लेन और जिमी हेंड्रिक्स जैसे नाम शामिल थे। वेवी ग्रेवी के हॉग फार्म ने सुरक्षा प्रदान की और व्यावहारिक जरूरतों को पूरा करने का काम किया, ऐसा लग रहा था कि प्रेम और मानव मैत्री के हिप्पी आदर्शों ने वास्तविक-दुनिया की अभिव्यक्ति हासिल कर ली थी।
दिसम्बर 1969 में ऐसा ही एक कार्यक्रम सैन फ्रांसिस्को से तकरीबन 30 मील (45 किलोमीटर) पूरब में स्थित कैलिफोर्निया के अल्टामोंट में आयोजित किया गया। शुरुआत में इसे "वुडस्टॉक वेस्ट" के रूप में प्रचारित किया गया था लेकिन इसका आधिकारिक नाम द अल्टा मोंट फ्री कंसर्ट था। तकरीबन 3,00,000 लोग रोलिंग स्टोन्स, क्रॉस्बी, स्टिल्स, नैश एंड यंग, जेफ़रसन एयरप्लेन और अन्य बैंडों को सुनने के लिए वहाँ जमा हुए. द हेल्स एन्जिल्स ने यहाँ सुरक्षा प्रदान की जो वुडस्टॉक कार्यक्रम में दी गयी सुरक्षा की तुलना में कहीं कम सदभावपूर्ण था: जब रोलिंग स्टोन्स के प्रदर्शन के दौरान 18 वर्षीय मेरेडिथ हंटर को चाकू से घायल कर मार दिया गया था। [54]
आफ्टरशॉक्स (1970-वर्तमान)
[संपादित करें]1970 के दशक तक 1960 के दशक के जीटगीस्ट, जिसने हिप्पी संस्कृति को जन्म दिया था ऐसा लगने लगा कि उसका प्रभाव कम होने लगा था। [55][56] अल्टामोंट फ्री कंसर्ट के कार्यक्रमों ने[57] बहुत से अमेरिकियों को हैरान कर दिया,[58] जिनमें वे लोग भी शामिल थे जो हिप्पी संस्कृति के साथ दृढ़ता पूर्वक अपनी पहचान कायम कर चुके थे। एक और झटका चार्ल्स मैन्सन और उनके अनुयायियों के "परिवार" द्वारा अगस्त 1969 में शेरोन टेट, लीनो और रोजमेरी लाबायन्का की हत्याओं के रूप में लगा. इसके बावजूद अशांत राजनीतिक माहौल, जिसमें कम्बोडिया की बमबारी और जैक्सन स्टेट यूनिवर्सिटी एवं केंट स्टेट यूनिवर्सिटी में नेशनल गार्ड्समैन द्वारा गोलीबारी शामिल थी, अब भी लोगों को एक साथ लाने में सफल रहा। इन गोलिबारियों ने क्विकसिल्वर मैसेंजर सर्विस द्वारा गाये 1970 के गीत "व्हाट एबाउट मी" जिसमें उन्होंने "यू कीप एडिंग टू माई मेंबर्स एज यू शूट माई पीपुल डाउन" गाया था और साथ ही क्रॉस्बी, स्टिल्स, नैश एंड यंग द्वारा रिकॉर्ड किये गए नील यंग द्वारा गाये गीत "ओहियो" को प्रेरित किया था।
ज्यादातर हिप्पी स्टाइलों को 1970 के दशक की शुरुआत में मुख्यधारा के अमेरिकी समाज में समाहित कर लिया गया था। [59][60][61] 1967 के मोंटेरे पॉप फेस्टिवल और 1968 के आइल ऑफ वाईट फेस्टिवल से शुरू हुए व्यापक रॉक कंसर्ट आदर्श बन गए थे जो इस प्रक्रिया में स्टेडियम रॉक के रूप में विकसित हुए. 1970 के दशक के मध्य में ड्राफ्ट और वियतनाम युद्ध की समाप्ति के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका के द्विशाताब्दी दृष्टिकोण के साथ जुड़ी देश भक्ति की भावनाओं के नवीनीकरण और लंदन एवं न्यूयॉर्क में पंक के उभरने के साथ मुख्यधारा की मीडिया ने हिप्पी प्रति-संस्कृति (काउंटरकल्चर) में रूचि लेना बंद कर दिया था। एसिड रॉक ने प्रोग रॉक, हेवी मेटल, डिस्को और पंक रॉक को उभरने का मौक़ा दिया।
1960 के दशक के उत्तरार्ध में शुरुआत करने के बाद हिप्पियों को कामकाजी-वर्ग के स्किनहेड्स द्वारा हमलों का सामना करना पड़ा.[62][63][64] हिप्पियों को अपमानित भी किया गया और कभी-कभी बदमाशों, धार्मिक पुनरुत्थानवादी मॉड्स, ग्रीजर्स, फुटबॉल कैजुअल्स, टेडी ब्वायज और 1970 एवं 1980 के दशक के अन्य युवा उप-संस्कृतियों के सदस्यों द्वारा इनपर हमला भी किया गया। प्रति-संस्कृति (काउंटरकल्चर) आन्दोलन को भी जे. एडगर हूवर के कुख्यात "काउंटर इंटेलीजेंस प्रोग्राम (क्वाइंटेलप्रो) (COINTELPRO) द्वारा गुप्त हमले का शिकार होना पड़ा, लेकिन कुछ देशों में अन्य युवा समूह इनके लिए खतरा बन गए. हिप्पी आदर्शों ने एनार्को-पंक और कुछ पोस्ट-पंक युवा उप-संस्कृतियों पर, विशेष रूप से दूसरे समर ऑफ लव के दौरान एक उल्लेखनीय प्रभाव डाला.
जबकि कई हिप्पियों ने जीवनशैली के प्रति एक लंबी अवधि की प्रतिबद्धता दिखाई, कुछ लोगों का तर्क है कि हिप्पी 1980 के दशक के दौरान "बिक" गए और भौतिकवादी, उपभोक्तावादी संस्कृति का एक हिस्सा बन गए। [65][66] हालांकि हिप्पी संस्कृति को जैसा एक बार पहले देखा गया गया था यह उतना प्रत्यक्ष नहीं रह गया लेकिन यह कभी पूरी तरह से ख़त्म नहीं हुआ: हिप्पियों और नियो-हिप्पियों को आज भी कॉलेज परिसरों, समुदायों और सभाओं एवं समारोहों में देखा जा सकता है। कई लोग शांति, प्रेम और समुदाय के हिप्पी मूल्यों को अंगीकार करते हैं और हिप्पियों को दुनिया भर के बोहेमियाई परिक्षेत्रों में आज भी देखा जा सकता है। [12]
20वीं सदी के अंत तक आते-आते "साइबर-हिप्पियों" का एक ट्रेंड उभरकर सामने आया जिसने 60 के दशक के मनोविकृतिकारी प्रति-संस्कृति (काउंटरकल्चर) की कुछ विशेषताओं को अपना लिया था। [67]
लोकाचार और विशेषताएं
[संपादित करें]हिप्पी खुद को सामाजिक बंदिशों से आजाद करने, स्वयं की राह चुनने और जीवन में नए अर्थ खोजने की चाह में रहते थे। समाज के स्थापित मानकों से हिप्पियों की स्वतंत्रता की एक अभिव्यक्ति उनके पहनावे और साज-श्रृंगार के अपने पैमानों में देखने को मिलाती थी जिसने हिप्पियों को तुरंत एक दूसरे की पहचान में आने योग्य बना दिया और यह उनके निजी अधिकारों के प्रति सम्मान का एक प्रत्यक्ष प्रतीक बन गया था। अपने रूप-रंग के जरिये हिप्पियों ने सत्ता से सवाल करने की अपनी इच्छा की घोषणा की और स्वयं को समाज के "सरल" और "बराबरी करने वाले" (यानी अनुसारक) तबके से दूर कर लिया। [68]
ठीक इसी समय ख़ास तौर पर चार्ल्स मेन्सन जैसे खतरनाक अपराधियों द्वारा हिप्पियों की बाहरी विशेषताओं को अपनाये जाने के बाद और इस प्रति-संस्कृति (काउंटरकल्चर) के वैध सदस्यों को बाँटने और जीतने के लिए सादे कपड़ों में रहने वाले पुलिसवालों द्वारा हिप्पियों जैसा पहनावा अपाना लिए जाने के बाद, कई विचारशील हिप्पियों ने खुद को इस अवधारणा से भी अलग कर लिया कि किसी व्यक्ति के पहनावे का तरीका उसकी पहचान का भरोसेमंद प्रतीक हो सकता है। फ्रैंक जप्पा ने अपने दर्शकों को इस बात के लिए झिड़की दी कि "हम सभी एक ही तरह की वर्दी पहनते हैं": सैन फ्रांसिस्को के एक मसखरे/हिप्पी वेवी ग्रेवी ने 1987 में कहा था कि जीने के लिए परंपरागत लिबास पहनने वाले मार्केट स्ट्रीट के व्यापारियों की आँखों में वह आज भी अपने लिए सहानुभूति के भाव देख सकते हैं।
हिप्पियों के पूर्ववर्ती बीट आंदोलन और हिप्पियों का अनुसरण करनेवाले परवर्ती पंक आंदोलन की ही तरह हिप्पियों के प्रतीक चिह्न और प्रति रूप समझ-बूझ कर "निम्न" या "आदिम" संस्कृतियों से लिए गए थे, साथ ही हिप्पियों के फैशन में एक अस्त-व्यस्त और खानाबदोश शैली प्रतिबिंबित होती थी। [69] अन्य किशोर, गोरे माध्यम-वर्गीय आंदोलनों की तरह ही हिप्पियों के पथभ्रष्ट व्यवहार में अपने समय में मौजूद लिंग विभेद को चुनौती देना शामिल था: हिप्पी आंदोलन से जुड़े पुरुष एवं महिलाएं दोनों ही जींस पहनते थे और लंबे बाल रखते थे[70] और दोनों ही लिंग के लोग सैंडिल पहनते थे या नंगे पाँव रहते थे। [38] पुरुष अक्सर दाढ़ी रखते थे[71] जबकि महिलाएं प्रसाधनों का बहुत ही कम या फिर बिलकुल भी इस्तेमाल नहीं करती थीं, साथ ही उनमें से ज्यादातर ब्रा पहने बिना ही रहती थीं। [38] हिप्पी अक्सर चमकीले रंग के कपड़ों को चुनते थे और असामान्य शैली की पोशाक पहनते थे जैसे कि बेल-बॉटम पैंट, बनियान, टाई-डाइड कपड़े, दाशिकी, किसानी चोली और पूरी लंबी स्कर्ट; गैर-पश्चिमी संस्कृति से प्रेरित परिधानों में मूल अमेरिकी, एशियाई, भारतीय, अफ्रीकी और लातिनी अमेरिकी रूपांकन भी काफी लोकप्रिय थे। कॉरपोरेट संस्कृति के विरोध में हिप्पियों के ज्यादातर परिधान स्वयं द्वारा बनाए गए होते थे और हिप्पी अपने कपड़े फुटपाथ के बाजारों और इस्तेमाल किये जा चुके सेकण्ड हैण्ड कपड़ों की दुकानों से खरीदते थे। [72] महिलाओं और पुरुषों दोनों की पसंदीदा फैशन सामग्री में मूल अमेरिकी निवासियों के गहने, सिर के स्कार्फ, हेडबैंड और लंबे मोतियों के हार शामिल थे। [38] हिप्पियों के घरों, वाहनों और अन्य सामानों की सजावट साइकेडेलिक कला से की जाती थी।
यात्रा
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स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यात्राएं करना हिप्पी संस्कृति की एक प्रमुख विशेषता थी जो (इस सामुदायिक प्रक्रिया में) मित्रता का ही एक विस्तार था। केन केसी की फर्दर या यादगार वीडब्ल्यू बसों जैसी स्कूल बसें काफी लोकप्रिय थीं क्योंकि मित्रों के समूह इनमें सस्ती यात्राएं कर सकते थे। वीडब्ल्यू बसें हिप्पियों और प्रति-संस्कृति (काउंटरकल्चर) के प्रतीक के रूप में जानी जाने लगीं और बहुत सी बसों को दुबारा ग्राफिक्स और अपने मन-मुताबिक़ रंगों से रंग दिया गया - ये मॉडर्न जमाने की आर्ट कार की पूर्ववर्ती थीं। वोक्सवैगन के लोगो का स्थान अक्सर एक शांति चिह्न द्वारा ले लिया जाता था। कई हिप्पी परिवहन के लिए लिफ्ट मांगकर यात्रा करने को प्राथमिकता देते थे क्योंकि यह काफी किफायती, पर्यावरण के अनुकूल और नए लोगों से मिलने का एक तरीका भी होता था।
हिप्पियों की प्रवृत्ति हलके सामान के साथ यात्रा करने की होती थी और वे कभी भी इसे उठाकर वहाँ चल देते थे जहाँ उस समय उनकी ज़रूरत होती थी, चाहे सैन फ्रांसिस्को के निकट माउंट तमलपायस के "लव-इन" पर जाना हो या फिर बर्कले में वियतनाम युद्ध के विरुद्ध प्रदर्शन में जाना हो, केन केसी के "एसिड टेस्ट" में हिस्सा लेना हो या फिर अगर "वाइब" सही नहीं हो और दृश्य में किसी तरह के बदलाव की जरूरत हो, हिप्पी पल भर की सूचना पर सक्रिय हो उठते थे। पूर्व योजना से परहेज किया जाता था क्योंकि हिप्पी अपने पिट्ठू बैग में कुछ कपड़े डालकर, अपने हाथ का अंगूठा उठाये लिफ्ट लेकर कहीं भी जा पहुँचाने में खुश रहते थे। हिप्पियों को शायद ही कभी इस बात की चिंता होती थी कि उनके पास धन, होटल आरक्षण और यात्रा करने के लिए अन्य मानक साजो-सामान मौजूद हैं या नहीं. हिप्पियों के परिवार दूसरे स्थानों से रात में आने वाले अपने मेहमानों का तत्काल स्वागत करने के लिए तैयार रहते थे और जीवनशैली की पारस्परिक एक सामान प्रकृति उन्हें कहीं भी आने-जाने की आजादी देती थी। आम तौर पर लोग एक दूसरे की जरूरतों को पूरा करने में उसी तरह से मदद करते थे जैसा कि सामान्यतः 1970 के दशक की शुरुआत के बाद होना कम हो गया था। "[20] इस तरह जिंदगी जीने का तरीका आज भी रेनबो फैमिली समूह, नव युग के भ्रमणकारियों और न्यूजीलैंड के हाउसट्रकर्स के बीच देखा जा सकता है। [73] यात्रा की इस मुक्त-प्रवाह शैली के मुख्य घटक थे हिप्पियों के ट्रक और बसें, खानाबदोश जीवन शैली को आसान बनाने वाले ट्रक या बसों के ढांचों पर निर्मित हाथों से तैयार किये गए गतिशील मकान जैसा कि 1974 की पुस्तक रोल योर ओन में दर्ज है। [74] इन गतिशील जिप्सी मकानों में से कुछ बहुत ही परिष्कृत होते थे जिनमें पलंगें, टायलेट, शॉवर और खाना पकाने की सुविधाएं मौजूद होती थीं।
वेस्ट कोस्ट पर 1963 में फिलीस और रॉन पैटरसन द्वारा पहली बार आयोजित किये गए पुनर्जागरण मेलों के इर्द-गिर्द एक अनूठी जीवनशैली विकसित हुई थी।
गर्मियों और शरद ऋतु के महीनों में पूरे परिवार अपने ट्रक और बसों के साथ यात्राएं करते थे जिन्हें दक्षिणी और उत्तरी कैलिफोर्निया के पुनर्जागरण मनोरंजन मेला स्थलों पर ही खडा कर दिया जाता था, परिवार सप्ताह भर अपने शिल्प पर काम करता था और सप्ताहांत की प्रस्तुतियों में उन बूथों में शामिल होने के लिए जहाँ हाथों से बनायी गयी चीजें आम लोगों को बेची जाती थीं, वे एलिजाबेथ वाली पोशाक पहनते थे।
उस समय के अनेकों युवा विशेष आयोजनों की अप्रत्याशित यात्रा के अवसरों पर जाने के लिए तैयार रहते थे। इस तरह का चरम अनुभव न्यूयॉर्क में बेथेल के निकट वुडस्टॉक उत्सव में 15 से 18 अगस्त 1969 के बीच हुआ जिसने 5,00,000 से ज्यादा लोगों को अपनी और आकर्षित किया।
1969 और 1971 के बीच हजारों हिप्पियों द्वारा एक ऐसी ही एक यात्रा का अनुभव लिया गया जिसमें हिप्पी जमीनी मार्ग के जरिये भारत तक पहुँचे थे। बहुत कम या बगैर सामान के और बहुत ही कम धन के साथ तकरीबन सभी ने एक ही रास्ते को अपनाया था, यूरोप से एथेंस और इस्तांबुल तक के रास्ते को लिफ्ट द्वारा यात्रा करके पार कर लिया गया, फिर मध्य तुर्की के पार एरजुरम से होते हुए ट्रेन से और ईरान में बस के जरिये तबरीज और तेहरान से होकर मशहद से अफगान सीमा के पार हेरात और फिर कंधार और काबुल होते हुए दक्षिणी अफगानिस्तान के पार, खैबर दर्रे के ऊपर से पाकिस्तान में प्रवेश और रावल पिंडी एवं लाहौर होते हुए उन्होंने भारतीय सीमा में प्रवेश किया। एक बार भारत पहुँचने के बाद हिप्पी अलग-अलग मंजिलों तक गए लेकिन फिर एक बड़ी संख्या में गोवा के समुद्र तट पर जमा हुए[75] या फिर सीमा पार करके नेपाल में काठमांडू जाकर उन्होंने कई महीने बिताये. काठमांडू में ज्यादातर हिप्पी फ्रीक स्ट्रीट[76] (नेपाली भाषा: झू छेन) नामक एक स्थान के शांत वातावरण में जमा होते थे, यह स्थान आज भी काठमांडू दरबार स्क्वायर के निकट मौजूद है।
धर्म
[संपादित करें]कई हिप्पियों ने और अधिक व्यक्तिगत आध्यात्मिक अनुभव के पक्ष में मुख्यधारा के संगठित धर्मों को खारिज कर दिया था और दूसरों के बीच अक्सर स्वदेशी मान्यताओं और लोक धर्मों का अनुसरण करते थे। अगर उन्होंने मुख्यधारा के धर्मों का पालन किया तो उन्होंने बौद्ध धर्म, हिंदू धर्म और यीशु आंदोलन को अंगीकार किया। कई हिप्पियों ने नव-मूर्तिपूजा (विशेष रूप से विक्का) को भी अपना लिया था।
राजनीति
[संपादित करें]शान्ति के प्रतीक को युनाइटेड किंगडम में परमाणु निःशस्त्रीकरण अभियान के लिए एक लोगो के रूप में विकसित किया गया था और 1960 के दशक के दौरान इसे अमेरिका के युद्ध विरोधी प्रदर्शनकारियों द्वारा अपना लिया गया था (हालांकि यह कॉपीराइट के अधीन है)। आमतौर पर हिप्पी शांतिवादी थे और अहिंसक राजनैतिक प्रदर्शनों जैसे नागरिक अधिकार मार्च, वाशिंगटन डीसी के मार्च और वियतनाम युद्ध विरोधी प्रदर्शनों समेत ड्राफ्ट कार्ड जलाने और 1968 के डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन के विरोध में हिस्सा लेते थे। [77] हिप्पियों में राजनीतिक भागीदारी के स्तर में व्यापक अंतर था, यह शान्ति प्रदर्शनों मे सक्रिय रहने वालों से लेकर सबसे अधिक राजनैतिक रूप से सक्रिय हिप्पी उप समूह यिप्पियों के ज्यादा प्रशासन विरोधी नुक्कड़ नाटक और विरोध प्रदर्शन तक था। [78] हिप्पियों और यिप्पियों के बीच अंतर पर बॉबी सील ने जेरी रुबिन के साथ परिचर्चा की, जिन्होंने बताया कि यिप्पी, हिप्पी आन्दोलन की राजनैतिक शाखा थे क्योंकि हिप्पी "अभी तक अनिवार्य रूप से राजनैतिक" नहीं हुए थे। हिप्पियों की राजनैतिक सक्रियता के संबंध में रुबिन ने कहा था, "वे अधिकतर नशे में धुत्त रहना पसंद करते थे लेकिन उनमें से ज़्यादातर शान्ति चाहते थे और इस मुद्दे को समाप्त करना चाहते थे."[79]
अहिंसक राजनैतिक प्रदर्शनों के अलावा हिप्पियों के वियतनाम युद्ध के विरोध के तरीकों में युद्ध की खिलाफत करने के लिए राजनैतिक कार्यवाही, समूहों का संगठन करना, सेना मे सेवा करने से इनकार करना और कॉलेज परिसर मे शिक्षा कार्यक्रम चलाना जिनमें वियतनाम के इतिहास और युद्ध के व्यापक "राजनैतिक परिप्रेक्ष्य" पर चर्चा करना शामिल था। [80]
जॉन फिलिप्स के गीत "सैन फ्रांसिस्को (बी श्योर टू वियर फ्लावर्स इन योर हेयर)" के 1967 में स्कॉट मैकेंजी के गायन, जिसने हिप्पी समर ऑफ़ लव को प्रेरित करने में मदद की थी, 1967 के बाद से वियतनाम से लौटने वाले सभी सेवा निवृत्त सैनिकों के लिए यह वार्षिक मिलन समारोह गीत बन गया था। मैकेंजी ने अमेरिका में सैन फ्रांसिस्को की हर प्रस्तुति को वियतनाम के सैनिकों को समर्पित किया और उन्होंने 2002 में वियतनामी सैनिक मेमोरियल की 20वीं वर्षगाँठ के मौके पर यह गीत गाया था। हिप्पियों की राजनैतिक अभिव्यक्ति अक्सर अपने इच्छित बदलावों को लागू करने के लिए समाज से खुद को "बाहर निकाल लेने" का रूप ले लेती थी। हिप्पियों की सहायता से राजनैतिक रूप से प्रेरित आन्दोलनों में 1960 के दशक का जमीन की ओर वापसी के आन्दोलन, सहकारी व्यापार उद्यम, वैकल्पिक ऊर्जा, मुक्त प्रेस आन्दोलन और जैविक कृषि आन्दोलन शामिल हैं। [60][81]
हिप्पियों के राजनैतिक आदर्शों ने, एनार्को-पंक, रेव संस्कृति, हरित राजनीति, नशेड़ी संस्कृति और नवयुग आन्दोलन जैसे दूसरे आन्दोलनों को भी प्रभावित किया। एक अंग्रेजी एनार्को-पंक बैंड, क्रास के पेंनी रिमबॉड ने एक इंटरव्यू में और द लास्ट ऑफ द हिप्पीज़ नामक एक आलेख में कहा था कि क्रास को उनके दोस्त, वाली होप की याद में बनाया गया था। [82] रिमबॉड ने यह भी कहा था कि क्रास, 1960 और सत्तर के पूरे दशकों के दौरान हिप्पी आन्दोलन से घनिष्ट रूप से जुड़े थे जिसके तहत 1967 में डायल हाउस की स्थापना की गयी थी। काफी सारे पंक हिप्पी आन्दोलन से सम्बन्ध रखने के कारण अक्सर क्रास की आलोचना करते थे। क्रास की ही तरह जेलो बियाफ्रा भी हिप्पी आन्दोलन से प्रभावित थे और अपनी राजनैतिक सक्रियता और चिंतन पर यिप्पियों की प्रेरणा को स्वीकार करते थे हालाँकि उन्होंने यिप्पियों की आलोचना करने वाले गीतों की रचना भी की थी।
नशीली दवाइयाँ
[संपादित करें]बीट्स द्वारा लम्बे समय तक अपनाये गए मार्ग के पदचिन्हों का अनुगमन करते हुए यिप्पियों ने भी भांग (मारिजुआना) को आनंददायक और सौम्य मानकर प्रयोग किया। उन्होंने शराब का परित्याग करते हुए अपनी आध्यात्मिक औषधि सूची को व्यापक करने के लिए उसमें मतिभ्रम कारक दवाएं जैसे एलएसडी, सिलोसाईबिन, मेस्केलिन को शामिल किया। संयुक्त राज्य अमेरिका के ईस्ट कोस्ट पर हार्वर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर टिमोथी लियरी, राल्फ मेत्ज्नर और रिचर्ड अल्पर्ट (राम दास) ने मनोचिकित्सा, आत्म-अन्वेषण, धार्मिक और अध्यात्मिक उपयोग के लिए साइकोट्रोपिक यानी मनोंमादक दवाओं की वकालत की। एलएसडी के सम्बन्ध में लियरी ने कहा कि "अपनी चेतना का विस्तार करो और हर्षोन्माद और ईश्वरीय रहस्यों को अपने भीतर पा लो."[83]
"According to the hippies, LSD was the glue that held the Haight together. It was the hippie sacrament, a mind detergent capable of washing away years of social programming, a re-imprinting device, a consciousness-expander, a tool that would push us up the evolutionary ladder."
संयुक्त राज्य अमेरिका के पश्चिमी तट पर केन केसी, मादक दवाईयों विशेष रूप से एलएसडी, जिसे "एसिड" के नाम से भी जाना जाता है, के शौकिया प्रयोग को बढ़ावा देने वाले महत्वपूर्ण व्यक्तित्व थे। "एसिड टेस्ट" नाम के आयोजनों और मेरी प्रैंकस्टर्स के अपने बैंड के साथ देश भर की यात्रा करके केसी मीडिया का ध्यान आकर्षण करने वाले ऐसे व्यक्ति के रूप में उभरे जिसने बड़ी संख्या मे युवाओं को इस अनुभवहीन आन्दोलन की तरफ खींचा. द ग्रेटफुल डेड (मूल रूप से "द वारलॉक्स" के नाम से घोषित) ने अपनी सबसे पहली प्रस्तुतियां एसिड टेस्ट के दौरान ही कीं, जिसमें अक्सर दर्शकों की तरह वे भी एलएसडी के उन्माद की ऊँचाइयों में डूबे रहते थे। केसी और प्रैंकस्टर्स "पूरी दुनिया को उत्तेजित करने का सपना" देखते थे। [83] हिप्पियों के समायोजनों मे ज्यादा तेज़ नशीली दवाएं जैसे एम्फेटामाइंस और हेरोइन का भी प्रयोग किया जाता था, अक्सर इनको प्रयोग करने वाले भी इन नशीली दवाओं का तिरस्कार करते थे क्योंकि इन्हें नुकसानदेह और लत लगाने वाली माना जाता था। [68]
विरासत
[संपादित करें]Newcomers to the Internet are often startled to discover themselves not so much in some soulless colony of technocrats as in a kind of cultural Brigadoon - a flowering remnant of the '60's, when hippie communalism and libertarian politics formed the roots of the modern cyberrevolution...
हिप्पी आन्दोलन के विरासत की पैठ पश्चिमी समाज में लगातार जारी है। [86] आम तौर पर हर उम्र के अविवाहित जोड़े सामाजिक अस्वीकृति के बिना साथ-साथ यात्रा करने और रहने के लिए स्वतंत्र महसूस करते हैं। [60][87] यौन संबंधी मामलों में खुलापन काफी आम हो गया है और समलैंगिकों, उभयलिंगियों और पारलिंगियों के साथ साथ खुद को किसी श्रेणी में न रखने का विकल्प चुनने वाले व्यक्तियों के अधिकारों का विस्तार हुआ है। [88] धार्मिक एवं सांस्कृतिक विविधता को बड़े पैमाने पर मान्यता मिली है। [89] सहकारी व्यापार उद्यमों और रचनात्मक समुदाय के रहने के तौर-तरीकों को पहले से अधिक स्वीकृति मिली है। [90] प्राकृतिक भोजन, जड़ी-बूटी से उपचार, विटामिन और दूसरे पोषण अनुपूरकों में बढ़ती लोगों की रूचि के कारण 1960 और 1970 के दशक के कुछ छोटे हिप्पी हेल्थ फ़ूड स्टोर आज बड़े पैमाने के लाभदायक कारोबार बन गए हैं। [91] लेखक स्टीवर्ट ब्रांड का तर्क है कि इंटरनेट की आरंभिक जड़ों में से एक हिप्पी संस्कृति द्वारा प्रोत्साहित सत्तावादी विरोधी लोकाचारों से मिलती हैं। [85]
दूसरों से अलग रूप रंग और पहनावा पूरी दुनिया में हिप्पियों की तात्कालिक विरासतों में से एक है। [72][92] 1960 और 1970 के दशक के दौरान मूंछें, दाढ़ी और लम्बे बाल आम तौर पर अधिक रंगीन हो गए जबकि बहु-नस्लीय पहनावा फैशन की दुनिया में हावी हो गया। उस समय से नग्नता समेत व्यक्तिगत रूप से अलग दिखने और पहनावे की शैलियों के विस्तृत विकल्प अधिक व्यापक तौर पर स्वीकार किये जा रहे हैं, जिनमें से सभी हिप्पियों के समय से पहले असामान्य थे। [72][92] हिप्पियों ने 1950 के दशक में और 1960 के दशक की शुरुआत में पुरुषों के लिए अपरिहार्य बन चुके गले की टाई और दूसरे व्यापारिक पहनावे की लोकप्रियता के पतन को प्रेरित किया।
ज्योतिष, जिसमें व्यक्तिगत विशेषता के सम्बन्ध में गंभीर अध्ययन से लेकर मनमौजी मनोरंजन तक सब कुछ शामिल है, हिप्पियों की संस्कृति का अनिवार्य हिस्सा था। [93]
संस्कृति
[संपादित करें]इस section में सत्यापन हेतु अतिरिक्त संदर्भ अथवा स्रोतों की आवश्यकता है। कृपया विश्वसनीय स्रोत जोड़कर इस section में सुधार करें। स्रोतहीन सामग्री को चुनौती दी जा सकती है और हटाया भी जा सकता है। (मई 2009) स्रोत खोजें: "हिप्पी" – समाचार · अखबार पुरालेख · किताबें · विद्वान · जेस्टोर (JSTOR) |
साहित्य में हिप्पियों की विरासत में बेहद लोकप्रिय हिप्पियों के अनुभव को प्रतिबिंबित करने वाली पुस्तकें जैसे कि द इलेक्ट्रिक कूल-ऐड एसिड टेस्ट शामिल हैं। [94] संगीत में हिप्पियों के बीच प्रचलित फोल्क रॉक तथा साइकेडेलिक रॉक शैलियाँ विकसित होकर एसिड रॉक, वर्ल्ड बीट और हेवी मेटल संगीत जैसी शैलियों के रूप में सामने आईं. साइकेडेलिक ट्रांस (जिसे साइट्रांस के नाम से भी जाना जाता है) एक इलेक्ट्रोनिक संगीत है जो कि 1960 के दशक के साइकेडेलिक रॉक से प्रभावित है। हिप्पी संगीत उत्सव की परंपरा की शुरुआत अमेरिका में 1965 में केन केसी के एसिड टेस्ट से हुई जहाँ ग्रेटफुल डेड को एलएसडी के नशे में झूमते हुए प्रस्तुत किया गया और साइकेडेलिक जैमिंग की पहल हुई। अगले कुछ दशकों तक कई हिप्पी और नव हिप्पी डेडहेड समुदाय का हिस्सा बने जो देश भर में आयोजित किये जाने वाले संगीत और कला उत्सवों में शामिल होते थे। द ग्रेटफुल डेड ने 1965 और 1995 के बीच केवल कुछ रुकावटों के साथ लगातार भ्रमण किया। फिश और उनके प्रशंसक भी (जिन्हें फिश हेड्स कहा जाता था) इसी तरह काम करते थे, बैंड ने 1983 और 2004 के बीच लगातार भ्रमण किया। हिप्पी उत्सव और उनसे उत्पन्न उत्सवों मे प्रस्तुति देने वाले कई समसामयिक बैंड, जैम बैंड कहे जाते हैं, चूंकि वे ऐसे गीत बजाते हैं जिनमें 1960 के दशक के मूल हिप्पी बैंड की ही तरह लम्बी वाद्य धुनें बजाई जाती हैं।
द ग्रेटफुल डेड और फिश के अंत के बाद घुमंतू भ्रमणकारी हिप्पी ग्रीष्म उत्सव की बढ़ती श्रंखला में शामिल होते हैं, जिनमें सबसे बड़ा बोंनार्रो संगीत और कला उत्सव कहलाता है जिसकी शुरुआत 2002 में हुई थी। द ओरेगोन कंट्री फेयर एक तीन दिवसीय उत्सव है जिसकी विशेषता हस्तनिर्मित शिल्प, शैक्षिक प्रदर्शनी और वेश भूषा संबंधी मनोरंजन है।
द बर्निंग मैन उत्सव का आरम्भ 1986 में सैन फ्रांसिस्को की एक बीच पार्टी में हुआ था और अब इसका आयोजन नेवादा, रेनो के उत्तरपूर्व स्थित ब्लैक रॉक रेगिस्तान में किया जाता है। हालांकि कुछ प्रतिभागी ही हिप्पी के लेबल को स्वीकार करेंगे लेकिन बर्निंग मैन एक वैकल्पिक समुदाय की समसामयिक अभिव्यक्ति है जिसमें शुरुआती हिप्पी आयोजनों जैसी ही भावना निहित है। विस्तृत कैंप, प्रदर्शन और कई कलात्मक कारों के साथ यहाँ लोगों का जमावड़ा एक अस्थाई शहर (2005 में 36,500 लोग) बन जाता है। अन्य आयोजन जहाँ काफी ज्यादा उपस्थिति रहती है उनमें रेनबो फैमिली गेदरिंग, द गेदरिंग ऑफ वाईब्स, कम्युनिटी पीस फेस्टिवल और द वुडस्टॉक फेस्टिवल शामिल हैं।
ब्रिटेन में नए ज़माने के काफी यात्री हैं जो बाहरी लोगों में हिप्पियों के रूप में जाने जाते हैं, लेकिन वे स्वयं को शान्ति के रक्षक कहलाना पसंद करते हैं। उन्होंने 1974 में स्टोनहेंज फ्री फेस्टिवल की शुरुआत की थी लेकिन अंग्रेजी धरोहर ने बाद में इस उत्सव पर प्रतिबन्ध लगा दिया जिसके परिणामस्वरूप 1985 में बीनफील्ड युद्ध हुआ। स्टोनहेंज पर उत्सव स्थल के लिए प्रतिबन्ध लगाए जाने के बाद नए युग के यात्री वार्षिक ग्लासटोनबरी उत्सव में इकट्ठा होते हैं।
न्यूज़ीलैंड में 1976 और 1981 के बीच दुनिया भर से हज़ारों हिप्पी वैही और वैकिनो के इर्द-गिर्द विशाल खेतों में संगीत और वैकल्पिक उत्सवों के लिए एकत्रित हुए. नाम्बासा नामक ये उत्सव शान्ति, प्रेम और संतुलित जीवनशैली पर केन्द्रित थे। इन आयोजनों की विशेषता वैकल्पिक जीवनशैली, स्वावलंबन, स्वच्छ और सतत ऊर्जा और सतत जीवन की वकालत करने वाली व्यवहारिक कार्यशालाएं और प्रदर्शनियां थीं। [95]
यूनाइटेड किंगडम और यूरोप में 1987 से 1989 तक के वर्ष हिप्पी आन्दोलन की विभिन्न विशिष्टताओं को लेकर बड़े पैमाने पर पुनरुत्थान के लिए उल्लेखनीय रहे। बाद के इस आन्दोलन में मुख्य रूप से 18 से 25 वर्ष के लोग शामिल थे जिसने प्रेम, शान्ति और स्वतन्त्रता के मौलिक हिप्पी दर्शन के ज्यादातर आदर्शों को अंगीकार किया। 1988 की गर्मियों को दूसरे समर ऑफ लव के नाम से जाना गया। हालांकि इस आन्दोलन द्वारा आधुनिक इलेक्ट्रोनिक संगीत, विशेष रूप से हाउस म्यूजिक और एसिड हाउस का पक्ष लिया गया लेकिन रेव पार्टियों के चिल आउट रूम्स से अक्सर मूल हिप्पी गीतों की आवाज़ को सुना जा सकता था। यूनाइटेड किंगडम में इस आन्दोलन के कई जाने-माने व्यक्तित्त्व पहले उत्तरी लन्दन के फ़िंसबरी पार्क स्थित एक क्षेत्र स्टाउड ग्रीन में सामुदायिक रूप से रहते थे।
हिप्पी लोकाचारों और जीवनशैली को दर्शाने वाली फिल्मों में वुडस्टॉक, ईजी राईडर, हेयर, द डोर्स, एक्रॉस द यूनिवर्स, टेकिंग वुडस्टॉक और क्रम्ब शामिल हैं।
2002 में फोटो जर्नलिस्ट जॉन बेसेट मैक क्लियरी ने हिप्पियों की भाषा को समर्पित 650 पृष्ठों का 6000 प्रविष्टियों वाला विस्तृत स्लैंग शब्दकोश, द हिप्पी डिक्शनरी: ए कल्चरल एनसाइक्लोपीडिया ऑफ द 1960टीज एंड 1970टीज प्रकाशित किया। 2004 में इस पुस्तक की समीक्षा की गयी और 700 पृष्ठों तक इसका विस्तार किया गया। [96] मैक क्लियरी का मानना है कि हिप्पी प्रति-संस्कृति (काउंटरकल्चर) ने बीट पीढ़ी से लेकर हिप्पियों द्वारा बीट पीढ़ी के शब्दों को छोटा करके उनके इस्तेमाल को लोकप्रिय बनाने तक के शब्दकोश से उधार लेकर अंग्रेज़ी भाषा में ढेरों शब्दों को जोड़ा.[97]
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]- यप्पी
टिप्पणियां
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- ↑ अ आ Pendergast & Pendergast 2005. पेंडरगास्ट लिखते हैं: "हिप्पी लोग काउंटरकल्चर (विरोधी संस्कृति) नामक एक बड़े समूह के गैर-राजनीतिक उपसमूह के सदस्य थे ... काउंटरकल्चर में कई अलग समूह शामिल थे ... एक समूह का नाम था न्यू लेफ्ट ... एक अन्य व्यापक समूह का नाम था नागरिक अधिकार आंदोलन ... 1965 तक यह मान्यता प्राप्त सामाजिक समूह नहीं बन पाया था ... दी 1960 कल्चरल रिवोल्यूशन के लेखक जॉन सी. मेकविलियम्स के अनुसार."
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- ↑ अ आ Yablonsky 1968, पृष्ठ 106–107. सन्दर्भ त्रुटि:
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अमान्य टैग है; "Yablonsky_1968_106107" नाम कई बार विभिन्न सामग्रियों में परिभाषित हो चुका है - ↑ यह विषय पूरे याब्लोंस्की के दौरान समकालीन साक्षात्कारों में दिखाई देता है.
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विकिमीडिया कॉमन्स पर Hippies से सम्बन्धित मीडिया है। |
- लेख जिनमें दिसम्बर 2008 से मृत कड़ियाँ हैं
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