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India Become Nato Ally Like Status Us Senate Passes Legislative Provision - अमेरिका ने भारत को दिया नाटो देश जैसा दर्जा, रक्षा सौदों में आसानी होगी - Amar Ujala Hindi News Live
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अमेरिका ने भारत को दिया नाटो देश जैसा दर्जा, रक्षा सौदों में आसानी होगी

वर्ल्ड डेस्क, वाशिंगटन Updated Wed, 03 Jul 2019 06:34 AM IST
डोनाल्ड ट्रंप-नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
डोनाल्ड ट्रंप-नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो) - फोटो : PTI
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खास बातें

  • अमेरिकी सीनेट ने पास किया बिल, इसी माह प्रतिनिधि सभा मंजूरी देगी 
  • इससे दोनों देशों को हिंद महासागर में रक्षा सहयोग बढ़ाने में भी मदद मिलेगी
  • जापान में मोदी और ट्रम्प की मुलाकात के बाद फैसला लिया गया 
अमेरिकी संसद ने भारत को नाटो देशों के समान दर्जा देने वाले प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अब रक्षा संबंधों के मामले में अमेरिका भारत के साथ नाटो के अपने सहयोगी देशों, इजरायल और साउथ कोरिया की तर्ज पर ही डील करेगा। वित्त वर्ष 2020 के लिए नेशनल डिफेंस ऑथराइजेशन एक्ट को अमेरिकी सेनेट ने पिछले सप्ताह मंजूरी दी थी। अब इसमें संशोधन के प्रस्ताव को भी मंजूरी मिल गई है।
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सेनेटर जॉन कॉर्निन और मार्क वॉर्नर की ओर से पेश संशोधन विधेयक में कहा गया था कि हिंद महासागर में भारत के साथ मानवीय सहयोग, आतंक के खिलाफ संघर्ष, काउंटर-पाइरेसी और समुद्री सुरक्षा पर काम करने की जरूरत है। विधेयक पास होने के बाद हिंदू अमेरिकी फाउंडेशन ने सेनेटर कॉर्निन और वॉर्नर का अभिनंदन किया। 

जी 20 समिट में पीएम मोदी ने ट्रम्प पर दबाव बनाया था 

ओसाका में पिछले हफ्ते ही जी-20 समिट के दौरान पीएम मोदी और ट्रम्प की बैठक हुई थी। दोनों नेताओं ने व्यापार, रक्षा समेत कई मुद्दों पर चर्चा की थी। सूत्रों का कहना है इस दौरान पीएम मोदी ने ट्रम्प पर दबाव बनाया था। माना जा रहा है कि इसके बाद ही यह फैसला किया गया। 

अमेरिका भारत के साथ रक्षा कारोबार का रास्ता आसान बना रहा है 

अमेरिका का यह प्रस्ताव उसके खुद के फायदे के लिए है। इससे वह भारत को वे सभी हथियार और अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी ट्रांसफर कर सकेगा, जिन्हें सिर्फ नाटो देशों को ही सप्लाई किया जा सकता है। लिहाजा यह एकतरफा प्रस्ताव है जो भारत के साथ होने वाली हथियारों की खरीद-फरोख्त को आसान बनाएगा। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि नाटो देशों का दर्जा पाने के बाद भारत पर क्या शर्तें आएंगी। पर यह तय है कि भारत उनसे नहीं बंधेगा।

इस फैसले के बाद भी भारत अपने रक्षा संबंधी साजो सामान खरीदने के लिए आजाद है। हद से हद भारत यह वादा करने के लिए बाध्य है कि जो हथियार या टेक्नोलॉजी वह अमेरिका से लेगा उसका इस्तेमाल वह खुद ही करेगा। कुल मिलाकर बात यह है कि अमेरिका भारत के साथ रक्षा कारोबार का रास्ता आसान बना रहा है। 

प्रतिनिधि सभा से पास होने के बाद कानून बन जाएगा 

अमेरिकी कांग्रेस (संसद) के दोनों सदनों, प्रतिनिधि सभा और सीनेट से पारित होने के बाद विधेयक कानून का रूप ले लेगा। 29 जुलाई से शुरू होने वाले एक महीने की छुटि्टयों से पहले ही इस विधेयक को प्रतिनिधि सभा में पास करने के लिए पेश किया जाएगा। 

नाटो का उद्देश्य शांति से विवाद हल करना है 

नाटो में 29 सदस्य देश हैं। इसका उद्देश्य इसके सदस्य राष्ट्रों की राजनीतिक स्वतंत्रता और सैन्य सुरक्षा बनाए रखना है। विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के लिए नाटो प्रतिबद्ध है, यदि राजनयिक कोशिशें फेल हो जाती हैं तो यह समाधान करने के लिए सैन्य शक्ति का सहारा भी लेता है।
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क्या है नाटो

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