शाहबाज़ और अभिषेक की फिरकी ने कैसे बनाया सनराइज़र्स के लिए दूसरे ख़िताब का मौका

  • Author, मनोज चतुर्वेदी
  • पदनाम, बीबीसी के लिए
सनराइज़र्स हैदराबाद के शाहबाज़ ख़ान

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सनराइज़र्स हैदराबाद ने दूसरी बार आईपीएल ख़िताब जीतने की उम्मीदों को बनाए रखा है.

उन्होंने दूसरे क्वालिफायर में राजस्थान रॉयल्स को 36 रन से हराया. इस जीत में उनके गेंदबाज़ों ने अहम भूमिका निभाई.

सनराइज़र्स हैदराबाद अब 2016 के बाद दूसरा ख़िताब जीतने के लिए कोलकाता नाइट राइडर्स से भिड़ेगी.

इस जीत में दूसरी पारी में ओस नहीं आने ने अहम भूमिका निभाई.

ओस नहीं होने की वजह आसमान में बादलों को छाए रहना रहा. इस स्थिति का सनराइज़र्स के स्पिन गेंदबाजों ने भरपूर फायदा उठाया.

शाहबाज़ और अभिषेक ने मैच घुमाया

सनराइज़र्स हैदराबाद को पेस गेंदबाज़ों के इस्तेमाल करने के लिए जाना जाता है. लेकिन इस मैच में लेफ्ट आर्म स्पिनर शाहबाज़ अहमद और अभिषेक शर्मा की फिरकी ने मैच घुमाने में अहम भूमिका निभाई.

टॉम कोहलर कैडमोर के रूप में पहला झटका जल्दी लग जाने के बाद यशस्वी जायसवाल और संजू सैमसन के खेलने के समय लग रहा था कि राजस्थान सहजता से 177 रन के लक्ष्य की तरफ बढ़ जाएगी.

शाहबाज़ अहमद को आठवें ओवर में लाए जाने पर यशस्वी ने उनकी पहली गेंद पर छक्का लगाकर उनका स्वागत किया. लेकिन उन्होंने इस ओवर की पांचवीं गेंद पर यशस्वी को कैच कराकर सनराइज़र्स की मैच में वापसी कराई.

शाहबाज़ ने बाद में रियान पराग और रविचंद्रन अश्विन के विकेट लिए. उन्होंने मैच में चार ओवर में 23 रन खर्च कर कुल तीन विकेट हासिल किए.

यह प्रदर्शन उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच बनाने वाला रहा. ख़ास बात यह है कि शाहबाज़ ने इससे पहले 14 मैचों में सिर्फ़ तीन ही विकेट निकाले थे.

संजू सैमसन के विकेट से उम्मीदें हुई धूमिल

संजू सैमसन

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संजू सैमसन के खेलते समय लग रहा था कि वह अच्छी फॉर्म में चल रहे हैं, इसलिए टीम को जीत की तरफ ले जा सकते हैं.

लेकिन कमिंस ने गेंद लेफ्ट ऑर्म स्पिनर अभिषेक को थमाई. अभिषेक को आईपीएल के इस सीजन में आक्रामक बल्लेबाज़ी के लिए जाना जाता है.

गेंदबाज़ी में उन्हें इससे पहले तीन ही ओवर करने को मिले थे, लेकिन अभिषेक ने अपनी तीसरी ही गेंद पर सैमसन को कैच कराकर ऐसा झटका दिया, जिससे वह कभी उभर ही नहीं सकी.

अभिषेक ने बाद में शिमरॉन हेटमायर को बोल्ड करके राजस्थान रॉयल्स की रीढ़ को तोड़ दिया. अभिषेक ने पहली बार पूरे चार ओवर का कोटा पूरा करके 24 रन पर दो विकेट निकाले.

अभिषेक ने बाद में कहा , “सच कहूं तो मैं गेंदबाज़ी के लिए तैयार था. हालांकि पिछले दो सीज़न में मेरी बल्लेबाजी अच्छी रही है, लेकिन मैं गेंद से भी अच्छा प्रदर्शन करना चाह रहा था.”

कमिंस की कप्तानी ने किया प्रभावित

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पैट कमिंस अपनी कप्तानी से सभी को प्रभावित करने में सफल रहे हैं. इस सत्र में इस मैच से पहले तक उन्होंने स्पिन गेंदबाज़ी पर कभी भरोसा नहीं किया.

यही वजह है कि सनराइज़र्स के स्पिनरों ने 15 मैचों में 14 ही विकेट निकाले थे. लेकिन इस महत्वपूर्ण मैच में उन्होंने स्पिनरों पर भरोसा किया, जिन्होंने मैच को जिता दिया.

पावरप्ले के आख़िरी ओवर में जब भुवी पर 19 रन पड़ गए, तो उन्होंने सातवें ओवर में उनादकट को लाकर रनों पर अंकुश लगाया और फिर दोनों छोर से स्पिन अटैक लगाकर राजस्थान को दबाव में ला दिया.

कमिंस की काबिलियत का ही कमाल है कि उन्होंने आसमान में बादल देखकर भांप लिया कि ओस नहीं पड़ेगी और विकेट से स्पिनरों को मदद मिल सकती है. इसे ध्यान में रखकर ही उन्होंने शाहबाज़ को इंपेक्ट प्लेयर के तौर पर उतारकर अपने स्पिन आक्रमण को धार दी.

कमिंस ने बाद में कहा, “हमने सीज़न की शुरुआत में इस बार फाइनल खेलने का लक्ष्य बनाया था और अब यह पूरा हो गया है. शाहबाज़ को इंपेक्ट खिलाड़ी के तौर पर भेजने का फैसला कोच डेनियल विटोरी का था. पर विकेट से स्पिन मिलने की वजह से ही हमने अभिषेक को गेंदबाज़ी दी.”

ध्रुव जुरेल को नहीं मिला किसी का साथ

ध्रुव जुरेल

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ध्रुव जुरेल ने जिस तरह से अकेले ही मोर्चा संभाला, उससे लगा कि यदि उनके साथ कोई खिलाड़ी खड़ा होता तो टीम जीत भी सकती थी. जुरेल ने सात चौकों और दो छक्कों से 56 रन की पारी खेली.

जुरेल के साथ रोवमैन और फिर हेटमायर के होने के समय लग रहा था कि लक्ष्य को पाया भी जा सकता है. लेकिन स्पिनरों द्वारा बनाए दवाब में इन दोनों के बिखर जाने से राजस्थान टीम अपने इरादों में कामयाब नहीं हो सकी.

क्लासेन की पारी की जीत में अहम भूमिका

सनराइज़र्स के बल्लेबाज़ों के ताबड़तोड़ अंदाज़ में खेलने के चक्कर में आउट होने से एक समय स्कोर छह विकेट पर 120 रन हो गया था. लेकिन क्लासेन ने इस महत्वपूर्ण मौके पर अर्धशतकीय पारी खेलकर टीम को लड़ने लायक स्थिति में पहुंचाया. इसमें शाहबाज़ ने उन्हें अच्छा सहयोग दिया.

क्लासेन ने एक समय स्कोर को 190 रन से ज्यादा पहुंचाने के हालात बना दिए थे. पर दो ओवर बाकी रहते उनके आउट होने से स्कोर 15-20 रन कम रह गया.

ओपनर ट्रेविस हेड ने आज विकेट पर जमने के लिए काफी समय लिया और जब वह रंगत में खेलने लगे तो बड़ी पारी खेलते दिखे. लेकिन वह पारी को गति देने के समय आउट हो गए.

बोल्ट पावरप्ले किंग

ट्रेंट बोल्ट

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ट्रेंट बोल्ट को पावरप्ले में झटके देने वाले गेंदबाज़ के तौर पर जाना जाता है. उन्होंने इस मुकाबले में भी अपनी इस छवि को बनाए रखा और पावरप्ले में तीन विकेट निकालकर तेज़ रफ्तार से आगे बढ़ रही सनराइज़र्स हैदराबाद की गति को थाम दिया.

बोल्ट ने इस दौरान फेंके अपने तीन ओवरों में अभिषेक शर्मा, राहुल त्रिपाठी और एडन मार्क्रम को पवेलियन भेजकर रन गति पर लगाम लगाने में कामयाबी हासिल कर ली.

बोल्ट ने अभिषेक का विकेट लेते ही आईपीएल के इस सीज़न में पहले ओवर में सबसे ज़्यादा सात विकेट निकालने में सफलता प्राप्त कर ली.

वहीं बोल्ट पावरप्ले में भी सबसे ज़्यादा 29 विकेट लेने वाले गेंदबाज़ बन गए हैं. इस मामले में भुवनेश्वर कुमार 27 विकेट लेकर दूसरे नंबर पर हैं. बोल्ट ने चार ओवरों में 45 रन देकर तीन विकेट निकाले.

आक्रामकता के साथ होशियारी भी ज़रूरी

सनराइज़र्स हैदराबाद को यदि फाइनल में विजय पानी है तो आक्रामकता के साथ थोड़ी होशियारी भी दिखानी होगी. वह इस मैच में जिस तरह से आउट हुए, उससे उन्हें बचना होगा.

ओपनर अभिषेक शर्मा बोल्ट के पहले ओवर में एक छक्के और एक चौके से 13 रन बना चुके थे. लेकिन आख़िरी लेंथ बॉल को पुल करने का प्रयास किया और गेंद बल्ले में ऊपर लगने से कैच हो गए.

इसी तरह राहुल त्रिपाठी ने आते ही अपने आक्रामक अंदाज़ से सभी का मन मोह लिया. उन्होंने अश्विन के ओवर में दो चौकों और एक छक्के से 16 रन बनाए.

उन्होंने बोल्ट के अगले ओवर की पहली दो गेंदों पर चौका और छक्का लगा दिया. लेकिन इस ओवर की तीसरी स्लो बाउंसर गेंद पर अपर कट करने गए और गेंद में गति की कमी की वजह से शॉर्ट थर्ड मैन पर खड़े युजवेंद्र चहल के हाथों लपक गए.

सही में अभिषेक और त्रिपाठी दोनों ही ओवर में पर्याप्त रन आ जाने के बाद अपने ऊपर यदि अंकुश लगाते तो शायद ज्यादा बेहतर योगदान कर सकते थे.

इन दोनों विकेट से भी नीतीश रेड्डी, आवेश ख़ान की वाइड यॉर्कर को रिवर्स हिट खेलकर कैच हो गए. सही मायनों में उन्हें अपने विकेट की वैल्यू समझनी होगी.

2016 में सनराइजर्स हैदराबाद ने वार्नर की अगुवाई में आखिरी बार खिताब जीता था. हालांकि पहले इस टीम का नाम डेक्कन चार्जर्स होता था. 2009 में डेक्कन चार्जर्स ने भी खिताब अपने नाम किया.

लेकिन अगर 26 मई को कमिंस की टीम केकेआर को मात देने में कामयाब होती है, तो बतौर सनराइजर्स हैदराबाद ये उसकी दूसरी खिताबी जीत होगी.

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