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सितम्बर | 2010 | Sush12's Weblog

Archive for सितम्बर, 2010

सुविचार

शासक  कहा  जाए  तो  सच्चे  सन्तों  को  । बड़े-बड़े  बादशाह  एवं  अमीर  उनके द्वार के  भिखारी   होकर  फिरते  रहते  हैं।

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सुविचार

बरसात   के  पानी  की  बूँद    सीप  में   मोती  हो  जाती  है।गुणवान   मनुष्य  तुच्छ  वस्तु  को  भी  मूल्यवान  बना देता  है।

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सुविचार

यदि  आप  दूसरों  को  सुख़ी  कर  सकें  तो  आपको स्वयं भी  सुख  प्राप्त  करने  का  अधिकार  मिले।

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सुविचार

मूर्ख    को उपदेश  देना  ऐसा  है , जैसे  अन्धे  को  दीपक  दिखाना। जो  मूर्ख  को  शिक्षा  देता  है , उसे  स्वयं  शिक्षा  की  बड़ी   आवश्यकता  है।

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सुविचार

एकता   में   आनन्द  का  उपयोग    वह  करता  है  जो  इस  और  उस  अवस्था  में  ज़रा  भी   भेद  नहीं  समझता।

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सुविचार

काल   से   बड़ा   शिक्षक    है,  जो  अन्त  में  अभिमानी       को  विनम्र  व्यक्ति    के  आगे  सिर   झुकाने  के  लिए   अपना    कठोर     आदेश  देता  है।

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सुविचार

बाँस   का  पेड़  ऊँचा  सिर  करके  खड़ा  रहता  है, अतः उसमें  फल  भी  नहीं  लगता।

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एक अच्छे अध्यापक के गुण————–

एक  अच्छे  अध्यापक  के  गुण————–
     एक    अच्छा  शिक्षक  अपने  छात्रों  से  सदा  मानवीय  व्यवहार  करता  है।
    बच्चों   में आत्मा  और  मस्तिष्क का विकास  करने  का  प्रयास  करता  है।
   विद्यार्थियों   में  अनुशासन  की  भावना  को  विकसित  करने  वाला  हो।
   अध्ययन के प्रति विद्यार्थियों  को सदैव जागरुक  करने वाला हो।
एक अच्छा  अध्यापक  विद्यार्थी  के  लिए   पिता , भाई  और  मित्र के समान होना  चाहिए।

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शिक्षक दिवस पर मेरी ओर से आदर्श शिक्षकों को बहतु-बहुत बधाई।

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सुविचार

हे   बुद्धिमान ,  दुख़  देने  वाली  बातों  को  भुला  दो , सुख़  देने  वाली   बातों  का  स्मरण  करो। उस  सुख  को  स्मरण  करो  , जिससे  भूलकर  भी  दुख  न  मिले।

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